
ठियोग विधानसभा क्षेत्र में टैंकरों से पानी की आपूर्ति में हुए करोड़ों के गड़बड़झाले में दर्ज एफआईआर में निलंबित इंजीनियर और ठेकेदार नामजद होंगे। विजिलेंस पूर्व में की गई जांच को आगे बढ़ाते हुए एफआईआर में इनके नामों को शामिल कर रही है। गड़बड़झाले में किस इंजीनियर और ठेकेदार का कितना रोल रहा है। इसे भी एफआईआर में दर्शाया जा रहा है। विजिलेंस का दावा है कि एक महीने के भीतर आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की जाएगी। विजिलेंस का कहना है कि आरोपियों से पूछताछ चल रही है। किसी भी हिमाचल से बाहर न जाने के लिए कहा गया है।
विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच को आधार बनाते हुए यह केस दर्ज किया है। विजिलेंस ब्यूरो की प्रारंभिक जांच में ही इंजीनियरों और ठेकेदारों की लापरवाही सामने आई है। जल शक्ति विभाग के निलंबित इंजीनियरों, ठेकेदारों और लोगों के बयान आपस में मेल भी नहीं खा रहे हैं। यह भी पता चला है कि जल शक्ति विभाग की ओर से जारी किए गए टेंडर की शर्तों के मुताबिक कार्य नहीं हुआ है। शर्तों के मुताबिक ठियोग के लेलू पुल के पास से स्वच्छ पानी की सप्लाई की जानी थी, लेकिन जांच में सामने आया है कि ठेकेदार ने इस स्थान से टैंकरों और पिकअप में पानी भरा ही नहीं। टैंकर और पिकअप के चालकों ने नालों से पानी भरकर लोगों पिलाया है। इस मामले में 90 लोगों को बयान दर्ज किए गए हैं।
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि ठियोग में पिछले साल गर्मियों में टैंकर से पानी की आपूर्ति के नाम पर लाखों का घोटाला सामने आया है। टैंकरों से पानी की आपूर्ति के लिए ठेकेदार को एक करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया। टैंकरों के नाम पर जिन वाहनों के नंबर दिए गए, उनमें मोटरसाइकिल एवं कारों के अलावा एक अफसर की सरकारी गाड़ी के पाए गए हैं।