हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को नहीं मिलेगा अब अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता-वित्तीय लाभ

Employees in Himachal Pradesh will no longer get seniority-financial benefits of contract service period

हिमाचल में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। विधेयक मंजूर होने के बाद विधि विभाग ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। 12 दिसंबर, 2003 के बाद भर्ती अनुबंध कर्मचारियों पर यह व्यवस्था लागू होगी।

विपक्ष के विरोध के बीच दिसंबर 2024 में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह विधेयक पारित किया गया था। सरकार ने संशोधित विधेयक के माध्यम से कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब कर्मियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने पर ही तय होगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। यह बदलाव विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए है, जिनकी वरिष्ठता को लेकर पहले अदालत से आदेश जारी किए गए थे। इस विधेयक का उद्देश्य नियमित सरकारी कर्मचारियों एवं अनुबंध आधार पर नियुक्त कर्मियों के हितों के बीच तालमेल स्थापित करना है। 

हिमाचल में अनुबंध आधार पर नियुक्तियां 2003 में शुरू हुईं, जिसमें नियुक्ति पत्रों में सेवा शर्तों का स्पष्ट उल्लेख किया गया। कर्मचारियों को अवगत कराया गया था कि अनुबंध के तहत उनका कार्यकाल वरिष्ठता या नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य लाभों के लिए नहीं गिना जाएगा। 

विधेयक के अनुसार अनुबंध के आधार पर नियुक्ति करने का उद्देश्य उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान मानने का कभी नहीं था। उनकी सेवा शर्तें उनकी ओर से हस्ताक्षरित समझौतों से नियंत्रित होती हैं और इस प्रकार वे नियमित नियुक्तियों के समान सार्वजनिक सेवाओं का हिस्सा नहीं हैं।

कोर्ट के आदेश पर देने पड़ रहे थे वरिष्ठता-वित्तीय लाभ
कई कर्मचारियों को कोर्ट के आदेश पर अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता लाभ देना पड़ रहा था। ताज मोहम्मद बनाम लेखराज केस ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी थी। अब विधेयक मंजूर होने से सरकार को अनुबंध सेवाकाल से वरिष्ठता-वित्तीय लाभ नहीं देना पडे़गा।

राजस्व महकमे के दस हजार कर्मचारी स्टेट कैडर में शामिल
हिमाचल सरकार ने राजस्व विभाग के तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मियों का कैडर बदल दिया है। ये कर्मचारी जिला से स्टेट कैडर में शामिल कर दिए गए हैं। शुक्रवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने इसकी अधिसूचना जारी की।

विभाग के करीब 10 हजार कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे। राज्य कैडर में शामिल होने के बाद अब इन कर्मचारियों का किसी भी जिले में तबादला हो सकेगा। प्रदेश सरकार ने हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्व विभाग के कर्मियों को राज्य कैडर में शामिल करने का फैसला लिया था। हालांकि, अभी पटवारी व कानूनगो को स्टेट कैडर में शामिल नहीं किया गया है। अधिसूचना के अनुसार, 12 जिलों के उपायुक्त कार्यालयों, मंडी, कांगड़ा और शिमला के मंडलायुक्तों, बंदोबस्त कार्यालयों, निदेशक भू-अभिलेख कार्यालय, राजस्व प्रशिक्षण संस्थान जोगिंद्रनगर और निदेशालय चकबंदी शिमला के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का कैडर बदलकर जिला से स्टेट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि करीब 10 हजार में से पांच हजार कर्मचारी उपायुक्त कार्यालयों के हैं।

पहले ये कर्मचारी किए थे स्टेट कैडर में : इससे पहले 3 अक्तूबर 2023 को राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के अधीक्षक ग्रेड-2, ग्रुप बी, वरिष्ठ सहायक ग्रुप सी, स्टेनो टाइपिस्ट, जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर, सीनियर स्केल पर्सनल असिस्टेंट ग्रुप बी, क्लर्क और जेएओ आईटी ग्रुप सी को राज्य कैडर में शामिल किया था।

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