17 बिस्वा निजी भूमि पर निकला शिमला-धर्मशाला एनएच; तहसीलदार ने की निशानदेही; जानें मामला

Mangrot Highway dispute Shimla-Dharamshala NH passes through 17 Biswa private land

उपमंडल सदर के मंगरोट में धर्मशाला-शिमला हाईवे 17 बिस्वा निजी भूमि में पाया गया है। यह खुलासा तहसीलदार सदर की ओर से लोक निर्माण विभाग की अपील पर कराई गई निशानदेही में हुआ है। निशानदेही में लोक निर्माण विभाग की भूमि पर भी लोगों का कब्जा पाया गया, लेकिन निशानदेही में साबित हुआ कि हाईवे निजी भूमि से गुजरा है।

मंगरोट हाईवे विवाद दो साल अधिक समय से चल रहा है। दिसंबर 2022 में उच्च न्यायालय के आदेश पर मंगरोट में हाईवे के किनारे से स्थानीय निवासी राजन कांत शर्मा का खोखा को हटाया गया था। राजन कांत शर्मा ने तब हाईवे की आठ बिस्वा भूमि पर अपना दावा किया। हाईवे पर खोखा भी लगा दिया, जिसे हटाने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। मामले में कोई परिणाम नहीं निकले पर राजन कांत ने मार्च 2023 में फिर से खोखा लगा दिया था। तब प्रशासनिक अधिकारियों के निशानदेही करने के आश्वासन पर राजन कांत ने खोखा हटाया था। इसके बाद निशानदेही की गई, जिसमें हाईवे आठ बिस्वा भूमि निजी पाया गया। फिर लोक निर्माण विभाग ने तहसीलदार कोर्ट में अपील दायर की।

कोर्ट के आदेश पर इस साल जनवरी में चार दिन निशानदेही की गई, जिसकी अंतिम रिपोर्ट अब सुनवाई हुई है। रिपोर्ट के अनुसार लोक निर्माण विभाग ने हाईवे को राजन कांत की मां के नाम पर 17 बिस्वा भूमि से होकर निकाला है। उधर, राजनकांत ने बताया कि उसकी भूमि पर लोक निर्माण विभाग की ओर से कब्जा करने की शिकायत पहले ही सदर थाना में दी गई है। हाईवे उसकी भूमि में गुजरा है, यह बात सही साबित हो चुकी है। अब पुलिस से मांग की जाएगी कि उनकी शिकायत का संज्ञान लिया जाए और आगामी कानूनी कार्रवाई की जाए।

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