आउटसोर्स भर्तियों पर रोक बरकरार, हाईकोर्ट में होगी मामले की सुनवाई; SC ने किया याचिका का निपटारा

Himachal Ban on outsourced recruitments continues case will be heard in High Court

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल में आउटसोर्स भर्तियों को लेकर दायर याचिका को निपटाते हुए मामले को सुनवाई के लिए वापस हाईकोर्ट भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। खंडपीठ ने इस मामले को आठ सप्ताह के भीतर सुनने को कहा है। शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा कि आउटसोर्स पर जो रोक लगी है वो अगली सुनवाई तक जारी रहेगी।

पिछली सुनवाई के दौरान हिमाचल सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि आदशों की अनुपालना करने के बाद भी हाईकोर्ट ने आउटसोर्स भर्तियों पर लगी रोक को नहीं हटाया। सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि क्योंकि हाईकोर्ट में वेकेशन चल रहा है, जिसकी वजह से शीर्ष अदालत के समक्ष हाईकोर्ट के 8 जनवरी 2025 के आदेशों को चुनौती दी गई थी।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने आउटसोर्स भर्तीयों पर लगी रोक को हटाने के लिए दायर अर्जी पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में स्थायी भर्तियों की नियुक्तियों की जरूरत है। अदालत ने कहा कि अगर किसी आउटसोर्स कर्मचारी के साथ काम करते हुए कुछ अनहोनी हो गई तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। अगर सरकार ने नर्सों की स्थायी नियुक्ति के लिए पद विज्ञापित किए हैं तो उस पर अदालत को बताएं। सरकार की ओर से अर्जी में कहा गया था कि प्रदेश में स्वास्थ्य महकमे में नर्सों की तत्काल आवश्यकता है। विभाग बिना नर्सों के नहीं चल सकता। हिमाचल सरकार ने भारत सरकार के ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत नर्सों के 28 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले हैं।

बता दें कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की भर्तियों पर लगा रखी है। अदालत ने सरकार को आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया में कैसे पारदर्शिता लाई जाए, इस पर विचार करने को कहा था। साथ ही अदालत ने भर्तियां करने वाली कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सरकार की ओर से दायर अर्जी पर आपति जताई है। सरकार इन पदों को भी आउटसोर्स और कंट्रेक्ट पर भर रही है। जबकि प्रदेश में नर्सों के 600 से ऊपर पद खाली पड़े हैं। रेगुलर नेचर वाले काम को आउटसोर्स नहीं किया जा सकता। नर्सों का काम स्थायी है न कि अस्थायी। ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन आउटसोर्स और कंट्रेक्ट पदों पर स्पष्ट नहीं है। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।

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