
पशुपालकों को बड़ी सौगात देते हुए जहां दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में छह रुपये की बढ़ोतरी की गई है, तो वहीं डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने के लिए भी काम किया है। राज्य में डेयरी गतिविधियों में सुधार के लिए नाहन, नालागढ़, मौहल और रोहडू में 20,000 एलपीडी क्षमता के 4 नए दुग्ध संयंत्र लगेंगे।
ऊना और हमीरपुर में 2 मिल्क चिलिंग सेंटर शुरू करने का फैसला लिया है। वर्ष 2025-2026 में पशु चिकित्सा, प्रजनन, रोग प्रतिरोधक टीकाकरण और विस्तार सुविधाओं के अतिरिक्त कई योजनाएं प्रस्तावित हैं। पंजीकृत दूध सोसायटियों की मजबूती के लिए सरकार ने इन्हें मिलने वाली मालभाड़ा सब्सिडी को 1.5 रुपये प्रति लीटर से बढा़कर 3 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की है। मिल्कफेड में दूध खरीद कार्य पूरी तरह से डिजिटल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई किसान या कोई सोसायटी 2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित नोटिफाई कलेक्शन सेंटर पर दूध स्वयं ले जाती हैं, तो उन्हें 2 रुपये प्रति लीटर की दर से ट्रांसपोर्ट अनुदान दिया जाएगा। इस प्रकार बेचे गए दूध में किसान को आठ रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त दिए जाएंगे।
बनूरी में बनेगा वूल ग्रेडिंग कम मार्केटिंग सेंटर… भेड़-बकरी पालकों के कल्याण के लिए प्रभावी कार्य योजना लागू की जाएगी। घुमंतू भेड़-बकरी पालकों के प्रवासी मार्गों को मैप कर जीपीएस से ट्रैक किया जाएगा। सोलन के दाड़लाघाट में 4.50 करोड़ से बन रहा कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान क्रियाशील किया जाएगा। वूल फेडरेशन के माध्यम से ऊन के सही रखरखाव के लिए 450 वर्ग मीटर आकार के स्टोर का निर्माण वूल ग्रेडिंग कम मार्केटिंग सेंटर बनूरी पालमपुर में किया जा रहा है। ऊन की निर्बाध खरीद के लिए 50 लाख रुपये के फंड का प्रावधान किया जाएगा।
किसानों को मोबाइल पर मिलेंगी सभी जानकारियां
किसानों को मिलने वाली सभी तरह की जानकारियां मोबाइल फोन पर उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए मिल्क फेड में ईआरपी सिस्टम लागू किया जाएगा। सभी पशुओं को जीवन चक्र दृष्टिकोण के तहत इंटेग्रेटिड डिजिटल प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। वित्त वर्ष 2025-2026 में डेयरी विकास के लिए कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन के लिए करीब 10.73 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कांगड़ा में नई केंद्रीय परीक्षण प्रयोगशाला बनेगी।