कांगड़ा जिले के बनेर और हमीरपुर के जाहू में निर्माणाधीन पुल ढहने के मामले में सरकार ने 14 इंजीनियरों को चार्जशीट थमा दी है। इनसे पुल गिरने को लेकर जवाब मांगा है। अभी पांच से छह इंजीनियरों ने सरकार को जवाब दिया है। इसके बाद सरकार चीफ इंजीनियर की अध्यक्षता में कमेटी गठित करेगी। यह कमेटी बारीकियों से हर पहलुओं पर जांच करेगी। दूसरी तरफ सरकार ने ठेकेदारों को नए सिरे से पुलों का निर्माण करने को कहा है। इसमें सरकार की ओर से कोई पैसा नहीं दिया जाएगा। सरकार ने मामले में एक ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। अगर चार्जशीट में लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं तो वित्तीय लाभ के साथ ही इंजीनियरों की पदोन्नति भी रुक सकती है। चार्जशीट हुए इंजीनियरों में कई जेई एसडीओ बन गए हैं। अधिशासी अभियंता पदोन्नत होकर अधीक्षण अभियंता बन गए हैं। पुल टूटने के मामले में कहीं न कहीं इंजीनियरों की लापरवाही सामने आ रही है। सरकार की ओर से इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाई जा रही है। डेढ़ साल पहले पुलों का निर्माण कार्य चल रहा था। काम के दौरान दोनों पुल ढह गए। सूत्र बताते हैं कि जाहू पुल 75 मीटर लंबा था, जो तीन जगह से टूट गया।मामला सरकार को भेज दिया है। अब सरकारी स्तर पर ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जो आदेश आएंगे उनका पालन किया जाएगा। इंजीनियर सरकार को चार्जशीट का जवाब दे रहे हैं
