
रोहड़ू क्षेत्र के बौंद्रा देवता के मंदिर में 12 साल पहले डकैती करने के बाद चौकीदार की हत्या के जुर्म में तीन दोषियों को जिला अदालत चक्कर ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। नेपाल के रहने वाले दोषियों रमेश बहादुर, धीरेंद्र शाही और भरत पर आजीवन कारावास के साथ में तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
तीनों ने साल 2013 की मध्य रात्रि मंदिर में प्रवेश कर बौंद्रा देवता की मूर्तियों सहित 14.195 किलो सोने-चांदी के आभूषण लूटने के बाद चौकीदार हीरा लाल की हत्या कर दी थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर तत्कालीन आईपीसी की धारा 460, 302, 395, 396 और 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की। इसके बाद तीन आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया। 27 जुलाई और 1 अगस्त 2016 को मुकदमे में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और 34 गवाहों के बयान के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायालय रोहड़ू ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
आरोपियों ने आदेश के खिलाफ हिमाचल हाईकोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने सजा रद्द कर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-1 शिमला को मामले में आदेश दिए कि एक आयोग गठित कर मामले के दोषियों और गवाहों के बयान फिर से दर्ज कर दोबारा फैसला दें। इसके बाद अतिरिक्त सत्र न्यायालय-1 शिमला के आदेश पर अतिरिक्त मुख्य दंडाधिकारी रोहड़ू ने मंदिर में जाकर तीन लोगों के दोबारा बयान दर्ज कर रिपोर्ट सौंपी। अब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग की अदालत ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया है। हिमाचल में यह पहला मामला है, जिसमें आरोपियों को एक ही मामले में दूसरी बार सजा सुनाई गई है।
ऐसे आए आए थे गिरफ्त में
31 जुलाई 2013 को दोपहर 1:30 बजे उत्तरी दिल्ली पुलिस के स्पेशल (ऑपरेशन) सेल के उपनिरीक्षक दीपक को खुफिया जानकारी मिली कि नेपाल के तीन नागरिक जो हिमाचल में डकैती और हत्या करने के बाद आभूषणों का सौदा करने के लिए दिल्ली में छिपे हुए हैं। इसके बाद विशेष गठित छापेमारी दल ने मजनू का टीला, सिविल लाइंस के पास बस पार्किंग क्षेत्र में छापा मारकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।