
राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही जल शक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं को पंचायतों को सौंपने की तैयारी कर रही है। पंचायतें ही उनकी देखरेख करेंगी। पंचायतों में जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों की तैनाती होगी, लेकिन पंचायतों के आदेशानुसार ही ये काम करेंगे। जल शक्ति विभाग में इसको लेकर मंथन शुरू हो गया है। इससे पंचायतों को जल स्रोतों के संरक्षण और प्रबंधन में अधिक अधिकार मिल सकेंगे। इसके साथ ही जल स्रोतों की जियो टैगिंग की जाएगी। इससे जल स्तर का सटीक पता लगाया जा सकेगा। योजना में पंचायतों की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी।
पानी के स्रोतों के संरक्षण के लिए पंचायतों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। जल जीवन मिशन के तहत हिमाचल में हर घर जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। सरकार ने अधिकांश पंचायतों को पानी के नलों से जोड़ दिया है। कुछेक घर इस सुविधा से नहीं जुड़ पाए हैं। सरकार ने उन्हें हर घर हर नल से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। योजना के मुताबिक जल रक्षक टैंकों की साफ सफाई करेंगे जबकि पानी की सप्लाई छोड़ने का जिम्मा बेलदार या कीमैन का रहेगा। विभाग के कर्मचारी जूनियर इंजीनियरों को रिपोर्ट करेंगे। इसकी सूचना पंचायतों के प्रधानों को भी दी जाएगी। क्षेत्र व काॅलोनियों में बारी-बारी से पानी की सप्लाई देनी होगी। इसके लिए कर्मचारियों को पानी छोड़ने का शेड्यूल बनाना होगा। इसको लेकर भी संबंधित पंचायत के प्रधान को विश्वास में लेना अनिवार्य होगा।