
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में मांगों को लेकर प्रदर्शन करने पर पुलिस ने प्राथमिक शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि प्राथमिक शिक्षकों ने प्रदर्शन के दौरान चौड़ा मैदान में घंटों यातायात अवरुद्ध रखा। इससे लोगों को आवाजाही में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने बालूगंज थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 189 (2), 190 के तहत कार्रवाई अमल में लाई है। इस मामले में प्राथमिक शिक्षक संघ के कई पदाधिकारियों को नामजद किया गया है, जबकि अन्य की पहचान की जा रही है।
पुलिस के मुताबिक प्रदर्शन में संघ के करीब 800 से 900 अध्यापकों ने भाग लिया और गैर कानूनी तरीके से एकत्रित होकर धरना-प्रदर्शन, नारेबाजी, यातायात और आम लोगों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न की है। शिक्षक संघ हाल ही में शिक्षा निदेशालयों के हुए प्रशासनिक पुनर्गठन का विरोध कर रहा है। हालांकि, पहले प्राथमिक शिक्षक संघ ने स्कूल शिक्षा निदेशालय के घेराव की चेतावनी दी थी, लेकिन फिर उन्होंने चौड़ा मैदान में प्रदर्शन किया। इससे पूर्व शिक्षा सचिव राकेश कंवर की ओर से जारी पत्र में कहा गया था कि अगर शिक्षकों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया तो इसे मिस कंडक्ट माना जाएगा। उनकी ओर सेसंघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा और महासचिव संजय को बाकायदा नोटिस जारी किया गया था। इसके बावजूद शिक्षकों ने शनिवार को प्रदर्शन किया।
शिक्षा निदेशालय में शिक्षकों का क्रमिक अनशन जारी
वहीं, शिक्षा निदेशालय में शिक्षकों का क्रमिक अनशन रविवार को भी जारी रहा। छह शिक्षक चमन ठाकुर, रविकांत उत्तम सिंह, नरेश कुमार, वरेंद्र कुमार और केवल कुमार क्रमिक अनशन पर बैठे। संघ ने दो टूक कहा है कि जब तक सरकार उन्हें बातचीत के लिए नहीं बुलाती है, तब तक उनका क्रमिक अनशन जारी रहेगा। वहीं, राज्य सरकार की ओर से इन शिक्षकों से बातचीत नहीं की जा रही है।