घरेलू हिंसा की धारा-31 केवल सुरक्षा आदेश के उल्लंघन पर दंडनीय, हाईकोर्ट ने दिया महत्वपूर्ण फैसला

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Section 31 of Domestic Violence Act is punishable only for violation of protection order, High Court gives imp

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 31 पर महत्वपूर्ण फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि धारा-31 केवल सुरक्षा आदेश के उल्लंघन पर दंडनीय है, न कि अन्य आदेशों के उल्लंघन पर लागू होता है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश राकेश कैंथला की एकल पीठ ने एफआईआर को रद्द करने के लिए दायर याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया है। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पुलिस को घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा- 31 के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने के लिए एक आवेदन भेजा था। हाईकोर्ट ने दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हुए स्पष्ट किया कि धारा 31 केवल धारा 18 में उल्लेखित संरक्षण आदेशों के उल्लंघन पर लागू होती है। 

यह धारा 19 में उल्लिखित निवास आदेशों, धारा 20 मौद्रिक राहतों, धारा 21 में हिरासत आदेशों और धारा 22 में उल्लिखित मुआवजा आदेशों पर लागू नहीं होती। शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत ट्रायल कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता ट्रायल कोर्ट के पिछले आदेश के अनुसार रखरखाव की बकाया राशि का भुगतान करने और आवास उपलब्ध कराने में विफल रहा है। ट्रायल कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत एसएचओ को आवेदन भेजने का आदेश पारित किया। एसएचओ को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी जारी किया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत पुलिस को आवेदन भेजने में गलती की है। पुलिस मौद्रिक आदेश के उल्लंघन के लिए एफआईआर दर्ज नहीं कर सकती थी। इसी पर अदालत ने पुलिस स्टेशन मनाली जिला कुल्लू में पंजीकृत एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है।

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