
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में उत्पाती बंदरों का आतंक चरम पर है। शहर के कोर एरिया रिज और मालरोड पर बंदरों की कई लुटेरी गैंग सक्रिय है। यहां दुकान से खाने पीने का सामान खरीदते ही यह बंदर लोगों पर टूट पड़ते हैं। सरेआम सामान छीनकर ले जाते हैं। सैलानी इनका आसान शिकार हैं जिनसे यह सबसे ज्यादा सामान लूट छीनते हैं। बंदरों का आतंक इतना बढ़ गया है कि रोजाना 70 से 80 लोग इनका शिकार बन रहे हैं। यह बंदर इतने बेखौफ हो गए हैं कि रिज और मालरोड पर सुबह से शाम तक पर भारी भीड़भाड़ होने के बावजूद लोगों से सामान छीन रहे हैं।
आइसक्रीम देखते ही यह छीन लेते हैं
मालरोड पर सीटीओ चौक, स्कैंडल प्वाइंट और रिज पर टाउनहॉल के पास रहने वाले यह बंदर फास्ट फूड और आइसक्रीम के बड़े शौकीन हैं। लोगों के हाथ में आइसक्रीम देखते ही यह छीन लेते हैं। इनमें कई ब्लैकमेलर बंदर भी हैं जो लोगों से सामान छीनकर यहां रेलिंग या भवनों की छतों पर चढ़ जाते हैं। इसके बाद जब तक खाने पीने की चीजें इन्हें न दें यह सामान नहीं लौटाते। कालीबाड़ी मंदिर और जाखू मंदिर में भी इतना आतंक लगातार बढ़ रहा है। उधर नगर निगम या वन विभाग भी इन उत्पाती बंदरों पर कोई लगाम नहीं लगा रहा। इन्हें पकड़ना तो दूर, इन्हें भगाने तक के इंतजाम नहीं किए हैं।
गायब हो गए मंकी वॉचर, लोग परेशान
शहर के कोर एरिया में बंदरों को भगाने के लिए वन्य जीव विभाग कई मंकी वॉचर तैनात करता था। रिज, मालरोड, मंदिरों और स्कूलों के आसपास यह जवान बंदरों को भगाते थे। कई साल तक यह मंकी वॉचर डंडे और गुलेल लेकर यहां तैनात रहे जिससे लोगों को राहत भी मिली। लेकिन अब इनकी तैनाती नहीं हो रही। वन्य जीव विभाग का कहना है कि बजट न होने से इनकी तैनाती नहीं की है। आने वाले समय में तैनात करने का कोई प्रस्ताव भी नहीं है। वन्यजीव विभाग के डीएफओ शाहनवाज ने कहा कि शहर में मंकी वॉचर तैनात करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।