कॉलेजों में एनईपी पर मंत्रिमंडल में नहीं हुआ फैसला, कॉलेजों और विवि का इंतजार बरकरार

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Himachal News No decision was taken in the cabinet on NEP

प्रदेश भर के कॉलेजों में नए शैक्षणिक सत्र 2025-26 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत स्नातक डिग्री कोर्स में फिर से सेमेस्टर सिस्टम लागू कर नीति लागू करने का सरकार के स्तर पर फैसला नहीं हुआ है।

सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर निर्णय नहीं हुआ। इससे कॉलेजों और विवि का इंतजार बरकरार रहा है। मंगलवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला होगा या नहीं इसका सभी को बेसब्री से इंतजार है। स्नातक डिग्री कोर्स की जून में नए छात्रों की प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसके साथ ही पुराने ईयर सिस्टम के तहत दूसरे और तीसरे वर्ष की रोल ऑन आधार पर प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

कॉलेजों में 19 मई से 25 दिनों का ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो रहा है, जो 12 जून तक रहेगा। ऐसे में यदि सरकार एनईपी-2020 को यूजी में लागू करने का फैसला लेती है, तो सेमेस्टर सिस्टम के तहत नए छात्रों को प्रवेश की प्रक्रिया की तैयारी करने को कॉलेजों के पास बहुत कम समय रहेगा। ईयर सिस्टम से फिर से सेमेस्टर सिस्टम में आने पर प्रवेश की प्रक्रिया यूजी प्रथम सेमेस्टर में कॉलेजों को विवि द्वारा तैयार किए पाठ्यक्रम के अनुसार विषयों की विस्तृत च्वॉयस देनी पड़ेगी। इसके अनुरूप प्रथम सेमेस्टर के लिए प्रवेश को प्रोस्पेक्ट्स तैयार किया जाएगा। ऐसे में कॉलेजों को इस सब की तैयारी करने को समय कम पड़ सकता है।

शिमला सहित प्रदेश भर के कॉलेज पुराने ईयर सिस्टम के तहत प्रोस्पेक्ट्स तैयार कर चुके हैं। इस बीच एनईपी को यूजी में इसी सत्र से लागू करने का सरकार से निर्णय आया तो, कॉलेजों को यूजी प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश को प्रोस्पेक्ट़़्स तैयार करना होगा, वहीं पहले से पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए ईयर सिस्टम के तहत रोल ऑन आधार पर एडमिशन की प्रक्रिया संचालित करनी पड़ेगी। दूसरे और तीसरे वर्ष के लिए प्रवेश की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं आएगा, इसे कॉलेज पहले की तरह रोल ऑन आधार पर शुरू कर सकेंगे। इसके साथ कक्षाएं भी शुरू कर सकेंगे। मसला सिर्फ एनईपी के लागू किए जाने पर निर्णय आने के बाद यूजी प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश प्रक्रिया में पेश आने वाली मुश्किलों का रहेगा।

19 मई से 12 जून तक रहने वाली ग्रीष्मकालीन अवकाश के चलते कॉलेजों में तैयारी करने को शिक्षक भी उपलब्ध नहीं रहेंगे। कॉलेज प्राचार्य सरकार की ओर से नीति को लेकर लिए जाने पर अंतिम फैसले और नीति को लागू करने के आदेशों का इंतजार है। नीति को इसी सत्र से लागू करने के देरी से फैसला आने से यूजी डिग्री में नए छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया लंबी चल सकती है।

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