
संशोधित होम स्टे रूल्स 2025 में सरकार ने संचालकों को कमरों का किराया 10,000 रुपये या इससे अधिक निर्धारित करने की छूट देकर सरकार ने कमाई का नया जरिया तलाश लिया है। कमरों के किराये पर लगने वाले जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से सरकार को लाखों की आय होने की उम्मीद है। 1,000 से 7,500 रुपये तक के टैरिफ पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है और 7,500 से अधिक टैरिफ पर 18 फीसदी जीएसटी वसूलने का प्रावधान है।
हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत होम स्टे की संख्या 4,289 है और करीब 2,000 से अधिक होम स्टे बिना पंजीकरण अवैध रूप से चल रहे हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पंजीकृत बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) इकाइयों की संख्या 2,867 है, जबकि 1,500 से अधिक बीएंडबी केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के पास ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर बिना पंजीकरण के चल रहे हैं। सरकार ने संशोधित होम स्टे रूल्स 2025 में सभी होम स्टे और बीएंडबी को अनिवार्य रूप से पुन: पंजीकरण की व्यवस्था लागू की है। ऐसे में प्रदेश में 10,000 से अधिक इकाइयां पंजीकृत होने की संभावना है। प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर शहरी क्षेत्रों में चल रहे 4000 से अधिक बीएडंबी और ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे के पंजीकरण पर चल रहे करीब 2000 फार्म स्टे हट्स का औसत किराया 3,000 से 5,000 रुपये है। इन सभी इकाइयों से जीएसटी के रूप में सरकार को हर महीने करोड़ों की आय होने की उम्मीद है।
यहां समझिये कमाई का गणित
6,000 इकाइयों का अगर रोजाना 3,000 टैरिफ वाला एक कमरा भी बुक होता है तो सरकार को 12 फीसदी जीएसटी के रूप में करीब 21 लाख की कमाई होगी। इतना ही नहीं, 7,500 से अधिक किराये वाले कमरों पर 18 फीसदी जीएसटी के हिसाब से भी रोजाना लाखों रुपये सरकार को टैक्स के रूम में मिलेंगे।
होम स्टे संचालक पर्यटन विभाग को घोषणापत्र के माध्यम से सूचित करेगा कि वह अपने होम स्टे में कमरों का किराया कितना रखेगा। अगर कमरे का किराया अधिक होगा तो होम स्टे संचालक की अधिक कमाई होगी और सरकार को भी जीएसटी के रूप में अधिक राजस्व मिलेगा। लेकिन 1,000 रुपये से अधिक किराया वसूलने वालों को बिजली और पानी का शुल्क व्यावसायिक दरों पर चुकाना होगा।
सरकार ने स्वरोजगार के लिए अपने घर के कुछ कमरे होम स्टे के तौर पर चलाने के लिए योजना शुरू की थी। योजना को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं बांटा जाना चाहिए। पंजीकरण आवेदन के बाद पर्यटन विभाग के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान जिन आवासीय घरोें में होम स्टे चल रहे हैं, उनके लिए बिजली-पानी घरेलू और व्यावसायिक भवनों के लिए व्यावसायिक दरें लागू की जानी चाहिए।