हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी करने मामले में रोजाना नए पीड़ित सामने आ रहे हैं। इसी बीच सामने आया है कि शातिर तीन फर्जी वेबसाइट के जरिये क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी का काला कारोबार चला रहे थे। एमएलएम यानि मल्टी लेवल मार्केट के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था। फर्जी वेबसाइट में कॉइन और डॉलर में हाई रिटर्न दिखाकर लोगों को खुश किया जाता है। इन्हीं को देखकर नए लोग खुद ही निवेश करने को मजबूर हो जाते हैं। जांच में यह पाया जा रहा है कि शातिर फर्जी वेबसाइट में मनगढ़ंत हाई रिटर्न दिखाकर लोगों को शुरू में रुपये भी देते रहे, लेकिन बाद में सब मैनेज करना मुश्किल हो गया तो मुख्य आरोपी भूमिगत हो गए। इसी के साथ वेबसाइट भी बंद कर दी गई। शातिर क्रिप्टो करेंसी की तरह कोरव्यू, डीजीटी, बीटपैड फर्जी वेबसाइट में निवेश करने के बात कहते रहे। बाकायदा पीड़ितों को उनकी ग्रोथ और रिटर्न दिखाई जाती रही। अब तक सामने आए अधिकतर मामलों में नकदी ही पीड़ित लोगों ने शातिरों को दी है, जबकि ऑनलाइन भुगतान बेहद कम हुआ है। शातिरों ने एमएलएम के तहत ऊपर से नीचे तक की चेन बनाई हुई थी और महंगे होटलों और महंगी कारों को दिखाकर लोगों को झांसे में लिया। साइबर पुलिस थाना मंडी जोन में अब कुल 28 मामले रिपोर्ट हुए हैं। इनमें करीब 13 करोड़ ठगी के आरोप लगाए गए हैं। निवेश करने वालों में कुछ सरकारी कर्मचारी, कुछ बड़े अधिकारी, कुछ समाज के प्रतिष्ठित लोग समेत अन्य लोग बताए जा रहे हैं। क्रिप्टो करेंसी से मिलने वाली आय का 30 फीसदी टैक्स के रूप में देने के बाद इसे मान्यता मिलने पर लोगों का रुझान इस तरफ बढ़ा, लेकिन बिना वेरिफिकेशन और जानकारी के अभाव में वह सही जगह के बजाए शातिरों को ही अपनी जीवनभर की पूंजी जमा करवाते रहे।