
वाहनों के टैक्स जमा नहीं कराने वालों से परिवहन विभाग अब सख्ती से निपटेगा। परिवहन विभाग ने ऑपरेटरों के लिए 2 साल के भीतर टैक्स जमा करने के लिए विंडो खोली थी। इसमें 14 करोड़ रुपये ऑपरेटरों ने जमा करा दिए हैं। करीब 23 करोड़ अभी भी लंबित हैं। अब विभाग ने विंडो बंद करने का फैसला लिया है। गुड्स एवं पैसेंजर टैक्स पहले राज्य कर एवं आबकारी विभाग के पास जमा होता था। लेकिन 2022 के बाद परिवहन विभाग के पास ही यह टैक्स जमा होता रहा है। इसमें एकमुश्त लंबित टैक्स का भुगतान करने पर छूट दी जा रही थी। अब किसी का पुराना टैक्स है तो उसे पहले कर एवं कराधान विभाग से एनओसी लाना अनिवार्य होगा। ऑपरेटरों को अब छूट नहीं मिलेगी। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बाहरी राज्यों से हिमाचल आ रही बसों और अन्य गाड़ियों को रोकना मुश्किल है। केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक इन ऑपरेटरों ने तीन लाख रुपये देश के किसी भी कोने में जाने के लिए जमा कराए हैं। हिमाचल सरकार इन ऑपरेटरों पर विशेष पथ कर लगा रही है। इससे परिवहन विभाग ने दो साल में 17 करोड़ रुपये की राशि अर्जित की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन लाख रुपये जमा कराने वाला पोर्टल हटा दिया है। अब परिवहन विभाग खुद अपना पोर्टल बनाएगा। इससे परिवहन विभाग की आय में और इजाफा होगा।
सरकारी विभागों में ई टैक्सियां
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों में ई-टैक्सियां लगाई जा रही हैं। विभागों से 50 गाड़ियों के लिए आवेदन आया था। इसमें से 39 गाड़ियों को लगा दिया गया है। प्रदेश में वाहन दुर्घटनाओं में कमी आई है। बीते साल के मुकाबले में वाहन दुर्घटनाओं में 4.3 और मृत्युदर में 2.4 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। लोगों को यातायात के नियमों के बारे में जानकारी दी जा रही है। परिवहन विभाग, पुलिस और लोक निर्माण विभाग रोड सेफ्टी में काम कर रहा है।
परिवहन विभाग में किए जा रहे बड़े बदलाव
परिवहन विभाग में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। पहले विभाग में हाथ से काम होता था, लेकिन अब आनलाइन किया गया है। आनलाइन सिस्टम किए जाने से विभाग की आय में इजाफा हो रहा है। आने वाले समय में भी और भी बदलाव देखने को मिलेगे।
कोई भी लगा सकता है व्हीकल स्क्रैप प्लांट
हिमाचल प्रदेश में अब कोई भी व्हीकल स्क्रैप प्लांट लगा सकेगा। परिवहन विभाग ने सोलन और नादौन में व्हीकल स्क्रैप प्लांट लगाया है। इनमें 400 गाड़िया स्क्रैप की जा चुकी हैं। हिमाचल के लोगों ने बाहरी राज्यों में 2500 गाड़ियां स्क्रैप की गई हैं। सरकारी गाड़ियों को स्क्रैप करने के लिए पोर्टल पर जाना पड़ता है। परिवहन विभाग ने व्यवस्था की है कि हिमाचल में कोई भी व्यक्ति व्हीकल स्क्रैप प्लंट लगा सकता है।