मशरूम अपशिष्ट (वेस्ट) से अब नुकसान नहीं, बल्कि कृषि और बागवानी कार्य में लाभ मिलेगा। मशरूम फसल पूरी होने के बाद खुले में फेंके जाने वाले वेस्ट से अब किसान-बागवान ऑर्गेनिक खाद तैयार कर सकते हैं। इसमें खुंब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) की ओर से किए जा रहा शोध भी सफल रहा है। इसमें 30 दिन में वेस्ट से ऑर्गेनिक खाद तैयार होगी। डीएमआर के विशेषज्ञों की मानें तो मशरूम के वेस्ट में नाइट्रोजन, फासफोरस व पोटाशियम की प्रचुर मात्रा होती है।ये मिट्टी को उपजाऊ बनाती है। इसका प्रयोग किसान व बागवान मशरूम अवशिष्टों को री-साइकिल करने के बाद कर सकते हैं। इसके अलावा केंचुआ खाद बनाने में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए मशरूम के वेस्ट को साफ-सुथरी जगह पर गड्ढा खोदकर उसमें 8 से 16 माह तक अच्छी तरह सड़ने के बाद तैयार खाद का ही प्रयोग किया जा सकता है। जबकि खुंब निदेशालय ने अपने प्रारंभिक शोध में तीस दिन में ऑर्गेनिक खाद तैयार कर ने का दावा किया है।