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मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सभी पक्षकारों की ओर से दी गई दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री का तबादला करने से जुड़े आदेश वापस लेने से जुड़े आवेदनों पर प्रदेश हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सभी पक्षकारों की ओर से दी गई दलीलों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है। पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा की सुरक्षा और मामले की स्वतंत्र जांच को लेकर इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर कारोबारी को उचित सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश पहले ही जारी कर रखे हैं।
इस मामले में निशांत ने कोर्ट में एसपी कांगड़ा को बदलने के लिए याचिका दायर की थी। उन्होंने एसपी पर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में कोताही बरतने का आरोप लगाया था। वहीं डीजीपी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उनका निशांत से संपर्क करने का इरादा केवल इतना था कि वह दोनों पक्षकारों के बीच मध्यस्थता कर मामले को सुलझाना चाहते थे। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि वह तीन माह के भीतर रिटायर होने वाले हैं। इसलिए बेकसूर होने के नाते चाहते हैं कि पुलिस महकमे से सम्मानजनक सेवानिवृत्ति ले
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत पाने के बाद कुंडू ने उन्हें किसी अन्य पद पर ट्रांसफर करने के हाईकोर्ट के फैसले को वापस लेने के लिए आवेदन किया है। एसपी कांगड़ा ने भी अपने खिलाफ दिए आदेशों को वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया है। हाईकोर्ट ने गत 26 दिसंबर को डीजीपी कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी को अपने वर्तमान पदों से हटाने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने गृह सचिव को इस बाबत शीघ्र ही जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए थे। इसके पश्चात कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत पाते हुए अपने तबादले पर स्थगन आदेश प्राप्त किया।