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सड़क सुविधा से वंचित मरोड़ गांव की बुजुर्ग महिला मरीज को कुर्सी पर उठाकर आज सोमवार को अस्पताल पहुंचाना पड़ा है। ग्रामीणों की मदद से महिला को करीब 25 किलोमीटर का पैदल सफर कर निहारनी पहुंचाया गया यहां से वाहन कर महिला को नेरचौक अस्पताल ले जाया गया है।
गाड़ापारली पंचायत के गांव मरोड़ की महिला शौयरी देवी (65) को अचानक पेट दर्द हुआ। हालत गंभीर होने पर उसे आज सोमवार सुबह पांच बजे कुर्सी पर उठाकर करीब 25 किलोमीटर दूर निहारनी पहुंचाया गया। पांच घंटे लगातार पैदल सफर कर ग्रामीण मरीज को लेकर निहारनी पहुंचे। यहां से उसे नेरचौक मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। सड़क न होने के चलते फिसलन भरे रास्ते से परिजनों और ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। यहां के ग्रामीणों को इस तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है। गाड़ापारली पंचायत का एक भी गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है।
ग्रामीण मरीजों को पीठ या कुर्सी पर उठाकर सड़क तक लाने के लिए मजबूर हैं। महिला को सड़क तक लाने के लिए ऊबड़-खाबड़ रास्ते ने खूब परीक्षा ली। चेनगां गांव में न्यूली खड्ड से महिला मरीज को झूला पुल से लाना पड़ा, जो खतरे से भरा रहा। खड्ड पर बना पुल साल 2023 के जुलाई में आई प्राकृतिक आपदा में बह गया था। इसके बाद सरकार और प्रशासन ने झूला पुल तो लगाया, लेकिन स्थायी पुल नहीं बनाया।
गाड़ापारली पंचायत की प्रधान यमुना देवी ने कहा कि ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमार मरीजों को उठाकर ले जाना पड़ता है। पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर बार-बार प्रशासन और0 लोक निर्माण विभाग से सड़क निर्माण का आग्रह किया जा रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तो वही एसडीएम बंजार हेमचंद वर्मा ने कहा की ग्राम पंचायत गाड़ापारली के लिए सड़क निर्माण के प्रयास जारी है। यह क्षेत्र ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के अधीन आता है। ऐसे में यहां से सड़क निकालने के लिए पार्क प्रबंधन की अनुमति की आवश्यकता है। अनुमति के लिए फाइल भेजी गई है।