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सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र का पारंपरिक माघी त्योहार बुधवार को शुरू हो गया। पहले ही दिन शिलाई, सतौन, रोनहाट, गत्ताधार, कफोटा, हरिपुरधार, नौहराधार व संगड़ाह आदि क्षेत्रों में हजारों बकरे, सुअर व खड्डू काटे गए।
इसके साथ ही क्षेत्र में मेहमाननवाजी का दौर भी शुरू हो गया है। ये पर्व ट्रांसगिरि इलाके की संस्कृति का मुख्य हिस्सा है। इसके आयोजन को लेकर एक माह पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं। ट्रांसगिरि के साथ-साथ उत्तराखंड के जौनसार बाबर में भी इस त्योहार को मनाए जाने की परंपरा काफी पुरानी है।
बता दें कि ये पर्व हाटी समुदाय में सबसे बड़ा व खर्चीला त्योहार है। परंपरा निभाने के लिए हर परिवार त्योहार के दिन एक या इससे अधिक बकरे काटता है। इस पर्व की खासियत यह है कि जो लोग कार्य के सिलसिले में देश व विदेश चले जाते हैं वे भी पर्व को मनाने के लिए अपने घर पहुंचते हैं।
पूरे क्षेत्र में महीने भर मेहमाननवाजी का दौर चलेगा। इस दौरान एक महीने तक जहां अधिकतर गांव में पहाड़ी नाटियों का दौर चलेगा तो वहीं कई स्थानों पर अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा।अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें