प्रदेश में 10वीं के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर डाक विभाग में नौकरी लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसमें अधिकतर आरोपी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं।
हमीरपुर और बिलासपुर में दसवीं कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी पाने वाले दो आरोपियों के वेतन और अन्य वित्तीय लाभों की रिकवरी होगी। सीबीआई ने इसके दस्तावेज जुटा लिए हैं। इन आरोपियों ने कहां से दसवीं का प्रमाण पत्र लिया है, इसकी भी जानकारी जुटाई गई है। हरियाणा के दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए शिमला सीबीआई कार्यालय तलब किया है। सीबीआई को आशंका है कि इसके पीछे बड़ा गिरोह हो सकता है।
ऐसे में जांच टीम बाहरी राज्यों में दबिश दे रही है। डाक विभाग में फर्जी नौकरियों के पहले भी मामले सामने आ चुके है। अब इन आरोपियों पर सीबीआई का शिंकजा कसता जा रहा है। सीबीआई दोनों आरोपियों के घर हरियाणा के हिसार और भिवानी में दबिश दे चुकी है। इस दौरान जांच टीम ने कई अहम दस्तावेज लेकर शिमला लौटी है। इसके आधार पर ही जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों से भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
आशंका ये भी जताई जा रही है कि फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों को तैयार करने के पीछे कोई गिरोह भी सक्रिय हो सकता है। ऐसे में सीबीआई हर पहलू को गंभीरता से खंगाल रही है। पता लगाया जा रहा है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने में किस-किस का सहयोग रहा। आरोपियों से पूछताछ में भी कई खुलासे हुए है।
गौर हो कि प्रदेश में 10वीं के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर डाक विभाग में नौकरी लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसमें अधिकतर आरोपी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं। बीते दिनों ही सीबीआई ने हमीरपुर और बिलासपुर के 2 ग्रामीण डाक सेवक और सहायक शाखा डाकपाल समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। इससे पहले भी सीबीआई ने ऐसे ही 2 मामले दर्ज किए गए थे।