# कुल्लू की बंजार घाटी में फागली पर्व शुरू, मुखौटे और घास का चोला पहनकर किया नृत्य|

Fagli festival begins in Banjar Valley, dance performed wearing masks and grass cloaks

 मान्यता के अनुसार मढयाले का नृत्य देवता विष्णु नारायण के सम्मान में होता है। इससे पहले मढयाले और देवता विष्णु नारायण का आपस में देव मिलन हुआ। 

फाल्गुन संक्रांति से बंजार घाटी में फागली पर्व का शुभारंभ हो गया है। मंगलवार को बंजार के चैहणी, कलवारी आदि गांवों में फागली उत्सव का आगाज हुआ। फागली में मढयाले (विशेष व्यक्ति) का मुखौटा व शरूली घास से बना चोलू पहनकर नृत्य सबके आकर्षण का केंद्र रहा।

इस नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। मान्यता के अनुसार  मढयाले का नृत्य देवता विष्णु नारायण के सम्मान में होता है। इससे पहले मढयाले और देवता विष्णु नारायण का आपस में देव मिलन हुआ। मढयाले ने गांव के हर घर में जाकर लोगों को आशीर्वाद दिया।

उत्सव को लेकर लोगों में खुशी का माहौल है।  देव समाज से जुड़े लोग सत्य देव नेगी, टीसी महंत, अनिल शर्मा, विश्वादेव, टेढी सिंह, राम लाल, कुंज लाल, सेस राम, बालक राम ने कहा कि बुरी शक्तियों को भगाने के लिए अश्लील जुमले भी बोले गए। बंजार के गांव वेहलो, वीणी ,बाहू, देउठा, चेड़ा, फरयाड़ी, शिल्ली, पेखड़ी, चेत्थर, गौशाला में 10 दिनों तक पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।

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