प्रदेश में बांस उत्पादकों के लिए सरकार एक सहकारी सभा बनाएगी, ताकि उनके द्वारा निर्मित प्रोडक्ट्स को मार्केट में पहचान मिल सके और उनकी आर्थिकी में भी बेहतर सुधार हो सके। इसी के मद्देनजर घुमारवीं में जाइका वानिकी परियोजना द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने की।
धर्माणी ने कहा कि बांस उत्पादकों की आर्थिकी में सुधार हो, इसके लिए सरकार हर संभव सहयोग करेगी। वह जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के साथ एक साल से चर्चा कर रहे थे कि ऐसे समुदायों को आजीविका कमाने के बेहतर अवसर कैसे प्राप्त हो सकें, इसके लिए उन्हें नई योजना बनाने की जरूरत है।
राजेश धर्माणी ने कहा कि बांस उत्पादकों के लिए जो सहकारी सभा बनेगी, उसके मालिक वह खुद ही होंगे। उनके उत्पादों को बेचने के लिए प्रदेश के नेशनल हाइवे के समीप स्वयं सहायता समूहों के लिए स्थान चिन्हित कर देंगे, ताकि बांस उत्पादों से रोजगार के द्वार भी खुल सके। उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए अभी एक करोड़ का बजट प्रस्तावित है, जिसे और बढ़ाया जाएगा।