सरकार के प्रस्ताव को नाबार्ड ने स्वीकृति दे दी है और अगले सप्ताह इसे लेकर सरकार और नाबार्ड के बीच एग्रीमेंट की तैयारी है।
पशुपालकों की आय बढ़ाने की योजना के तहत डेयरी विकास के लिए नाबार्ड सरकार को ऋण देगा। सरकार के प्रस्ताव को नाबार्ड ने स्वीकृति दे दी है और अगले सप्ताह इसे लेकर सरकार और नाबार्ड के बीच एग्रीमेंट की तैयारी है। नाबार्ड से 4 फीसदी ब्याज पर करीब 250 करोड़ रुपये ऋण लेने की योजना है। सरकार ने डेयरी विकास के लिए जायका (जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी) से बजट मांगा था जो स्वीकार नहीं हो सका। दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कांगड़ा जिले के ढगवार में 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के स्वचलित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना करने जा रही है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर का खर्च सरकार अपने स्तर पर वहन करेगी।
प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) परामर्श सेवाएं उपलब्ध करवाएगा। नाबार्ड से मिलने वाले ऋण से संयंत्र तैयार किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से दूध खरीद नेटवर्क को भी सुदृढ़ किया जाना है। ढगवार संयंत्र के लिए प्रतिदिन 2.74 लाख लीटर दूध की खरीद होगी। जायका के तहत देश के कई राज्यों को डेयरी विकास के लिए बजट उपलब्ध करवाया गया है। लेकिन हिमाचल के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया है। तर्क दिया है कि जायका के तहत हिमाचल के लिए पहले से स्वीकृत प्रोजेक्टों को पैसा दिया गया है अब नया प्रोजेक्ट शामिल नहीं किया जा सकता।
डेयरी विकास के लिए नाबार्ड ऋण देने को तैयार हो गया है। 4 फीसदी ब्याज पर करीब 250 करोड़ ऋण लेने की योजना है। जल्द ही इसे लेकर नाबार्ड से साथ एग्रीमेंट कर दिया जाएगा। ढगवार स्वचलित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के टेंडर का खर्च सरकार अपने खजाने से वहन करेगी, मुख्यमंत्री ने इसकी स्वीकृति दे दी है।