मासिक धर्म से जुड़ी कुरीतियां व नकारात्मक सामाजिक मानदंडों को बदलने के उद्देश्य के दृष्टिगत धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल स्योह में मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में वो दिन सशक्त महिला योजना के अंतर्गत एक दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें बाल विकास परियोजना पर्यवेक्षक विनोद कुमार धलारिया ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने बताया कि इस तरह के जागरूकता अभियानों द्वारा उपमंडल में युवा लड़कियों और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता, सुरक्षा, गरिमा व आत्मविश्वास, बिना शर्म के साथ व्यवस्थित करने के उद्देश्य से जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मासिक धर्म को लेकर समझ बढ़ाने की जरूरत है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो लड़कियों में 11 से 13 साल की उम्र में शुरू हो सकती है और 28 से 35 दिनों का मासिक चक्र रहता है। अभी भी पूरे विश्व के कुछ समाज में इस विषय पर खुलकर बात नहीं की जाती है, जिसके चलते महिलाओं व किशोरियों को शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जिसमें हर महिला और लड़की जिस भी समय अपनी निजता, सुरक्षा एवं बिना शर्म के साथ अपने मासिक धर्म को स्वस्थ तरीके से प्रबंधित करे।
उन्होंने कहा कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं में 15-24 आयु वर्ग में सुरक्षा के स्वच्छ तरीकों में सुधार आया है, लेकिन अभी भी गांव में महिलाएं माहवारी के दौरान स्वच्छता न होने के कारण कई गंभीर बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस बी, प्रजनन मार्ग के अंगों के संक्रमण तथा सर्वाइकल कैंसर आदि बीमारियों के खतरे से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म प्रथाओं को अभी भी कई सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है, जो मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन में बहुत बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं एवं किशोरियां अपनी स्वच्छता का ध्यान रखें। शिविर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, निशा, बंदना, रजनी भी मौजूद रही।