हिमाचल प्रदेश में अपने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को कांग्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में राज्य के हालात से ‘बेखबर’ बताया है। राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान हुई क्रॉस वोटिंग और राज्य इकाई में बने संकट पर कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने यह बातें अपनी रिपोर्ट में कही हैं। चुनाव में विफलता व राज्य इकाई के हालात के लिए प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को भी जिम्मेदार बताया गया। असंतुष्ट नेता विक्रमादित्य सिंह के काम को पार्टी का अनुशासन तोड़ने वाला बताया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बागी विधायकों को भाजपा ने प्रलोभन दिया।
मतदान के बाद भेजे गए इन पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंप दी है। जानिए, किसके लिए और क्या बताया रिपोर्ट में :
सुखविंद्र सुक्खू : मुख्यमंत्री अनुमान नहीं लगा सके कि मतदान में इस प्रकार क्रॉस वोटिंग होगी। ऐसी बेखबरी स्वीकार नहीं की जा सकती। सीएम अपने विधायकों को जोड़कर नहीं रख सके। भविष्य में अगर पार्टी के भीतर बगावत हुई, तो वे इसे रोक पाएंगे, इसमें भी संदेह पैदा होता है।
प्रतिभा सिंह : वह मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव में उतार देना चाहिए। अध्यक्ष पद किसी और को दे देना चाहिए।
विक्रमादित्य सिंह : संकट के समय उनके कामों ने पार्टी का अनुशासन तोड़ा। प्रमुख नेताओं को संदेह है कि क्या भविष्य के लिए उन पर भरोसा किया भी जा सकता है।
और बागी विधायक : क्रॉस वोट करने वाले विधायकों को भाजपा ने प्रलोभन दिया। भाजपा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का लगातार प्रयास कर रही है।
ये सुझाव भी दिए
– सरकार को अस्थिर होने से बचाने के लिए तत्काल सुधार करने होंगे। आचार संहिता लागू होने से पहले 12 असंतुष्ट विधायकों को कॉरपोरेशन व अन्य पद बांटे जाएं। ये सभी विधायक एकमत नहीं हैं, उनकी एकता तोड़ी जा सकती है।
– भाजपा सरकार गिरा कर लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराना चाहती थी, इसलिए मुख्यमंत्री बदलना सही नहीं होगा।
– मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री व पार्टी प्रमुख प्रदेश नेताओं की समन्वय समिति बनाएं, दो सदस्य कांग्रेस अध्यक्ष सुझाएं।