मंडी संसदीय क्षेत्र में वर्ष 1952 से 2021 तक हुए 19 चुनावों में 13 बार राजघरानों के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है।
हिमाचल के मंडी संसदीय क्षेत्र में वर्ष 1952 से 2021 तक हुए 19 चुनावों में 13 बार राजघरानों के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर अभी तक 14 बार कांग्रेस, पांच बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी के प्रत्याशी की जीत हुई है। वीरभद्र सिंह, पंडित सुखराम, महेश्वर सिंह और प्रतिभा सिंह ने तीन-तीन बार यहां से लोकसभा चुनाव जीते हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से प्रदेश की सबसे बड़ी इस सीट से जयराम ठाकुर, वीरभद्र सिंह, पंडित सुखराम, प्रतिभा सिंह, महेश्वर सिंह और कौल सिंह ठाकुर को हार का मुंह भी देखना पड़ा है।
देश की राजनीति में मंडी संसदीय सीट का बहुत अधिक महत्व रहा है। यहां से जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी राजकुमारी अमृत कौर, वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम केंद्र सरकार में स्वास्थ्य, उद्योग, स्टील और दूरसंचार मंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं। मंडी संसदीय सीट पर राजघरानों से जीत दर्ज करने वालों में राजकुमारी अमृतकौर, राजा जोंगेंद्र सेन बहादुर, ललित सेन, वीरभद्र सिंह, महेश्वर सिंह और प्रतिभा सिंह शामिल हैं। राजकुमारी अमृत कौर कपूरथला के राजा की पुत्री थीं। ललित सेन के पिता सुकेत के राजा थे। जोगेंद्र सेन बहादुर मंडी रियासत के राजा थे। \
वीरभद्र सिंह रामपुर बुशहर के राजा थे। प्रतिभा सिंह इनकी पत्नी हैं। कुल्लू राजघराने से जुड़े महेश्वर सिंह भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार हैं। इस सीट पर हर लोकसभा चुनाव में रोचक मुकाबला देखने को मिलता है। 2021 में हुए उपचुनाव के दौरान प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह ने यहां जीत दर्ज की। वर्ष 2019 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप ने यहां से सबसे अधिक अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा को हराया था।
मंडी सीट में आते हैं छह जिलों के 17 विस क्षेत्र
प्रदेश के छह जिलों मंडी, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, शिमला और चंबा के 17 विधानसभा क्षेत्र मंडी संसदीय सीट के तहत आते हैं। इसमें धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर मंडी जिले के शेष नौ विधानसभा क्षेत्र, कुल्लू के सभी चार विस क्षेत्र, किन्नौर, लाहौल-स्पीति सहित शिमला जिला का रामपुर और चंबा का भरमौर विधानसभा क्षेत्र शामिल है। वर्तमान में इन 17 विधानसभा क्षेत्रों में से 12 में भाजपा के और चार में कांग्रेस के विधायक हैं। लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर को अयोग्य घोषित किया गया है। रवि ठाकुर ने अयोग्य घोषित करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है।
किस पार्टी से कौन रहा सांसद
वर्ष सांसद पार्टी
1952 गोपी राम कांग्रेस
1952 अमृत कौर कांग्रेस
1957 जोगेंद्र सेन बहादुर कांग्रेस
1962 ललित सेन कांग्रेस
1967 ललित सेन कांग्रेस
1971 वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1977 गंगा सिंह जनता पार्टी
1980 वीरभद्र सिंह कांग्रेस
1984 सुखराम कांग्रेस
1989 महेश्वर सिंह भाजपा
1991 सुखराम कांग्रेस
1996 सुखराम कांग्रेस
1998 महेश्वर सिंह भाजपा
1999 महेश्वर सिंह भाजपा
2004 प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2009 वीरभद्र सिंह कांग्रेस
2013 प्रतिभा सिंह कांग्रेस
2014 रामस्वरुप शर्मा भाजपा
2019 रामस्वरुप शर्मा भाजपा
2021 प्रतिभा सिंह कांग्रेस
किस चुनाव में किस दल को कितने मिले वोट
वर्ष भाजपा कांग्रेस
2021 356884 365650
2019 647189 241730
2014 362824 322968
2013 216765 353492
2009 326976 340973
वर्ष भाजपा कांग्रेस
2004 291057 357623
1999 325929 194904
1998 304210 172378
1996 174963 328186
1991 209753 233380
मंडी संसदीय क्षेत्र ने दी देश को पहली स्वास्थ्य मंत्री
वर्ष 1952 में मंडी से लोकसभा चुनाव जीतने वाली राजकुमारी अमृत कौर आहलुवालिया स्वतंत्र भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री थीं। वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा सामाजिक कार्यकर्ता थीं। महात्मा गांधी की अनुयायी और कई वर्ष तक उनकी सचिव रहीं। स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कौर ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। 1956 में एम्स की स्थापना के लिए लोकसभा में विधेयक पेश किया। एम्स की स्थापना के लिए धन जुटाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई। बता दें कि 1952 में मंडी सीट एक आैर सांसद दो चुने गए थे।