# शूलिनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं को मिली बड़ी कामयाबी|

# हिमाचल में मिली मकड़ी की तरह की नई प्रजाति, अब वैज्ञानिक कर रहे शोध|

New species of spider found in Himachal, now scientists are doing research

शूलिनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हिमरी और ननखड़ी के जंगलों में इस नई प्रजाति को ढूंढ निकाला  है। यह प्रजाति केवल शिमला जिले में ही पाई गई है। 

हिमाचल प्रदेश में मकड़ी की तरह एक नई प्रजाति मिली है। वैज्ञानिक अब इस पर शोध कर रहे हैं। शूलिनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हिमरी और ननखड़ी के जंगलों में इस नई प्रजाति को ढूंढ निकाला  है। यह प्रजाति केवल शिमला जिले में ही पाई गई है। शोधकर्ता डाॅ. शिवानी और जेएम झुलका जंगलों में जैव विविधता पर शोध कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें यह नई प्रजाति मिली है। पेड़ों की प्रजातियों और मिट्टी में रहने जीवों पर शोध किया जा रहा था। यह शोध शिमला जिले के हिमरी और ननखड़ी के गांवों में किया गया। मकड़ी की तरह दिखने वाली इस नई प्रजाति के आठ पैर हैं और यह कीट-पतंगों को खाकर इनकी संख्या पर नियंत्रण रखती है। वैज्ञानिक अभी इस पर शोध कर रहे हैं। इसके नमूने शोध के लिए जर्मनी के वैज्ञानिक जोचेन मार्टेंस के पास भेजे गए। 

कई और प्रजातियां, जिन्हें खोजना बाकी 
हार्वेस्टमैन के शरीर में दो के बजाय एक ही भाग होता है। कुछ के पैर बहुत लंबे होते हैं और वह अपने पैरों को ऊपर की ओर मोड़कर अपने शरीर को जमीन से सटा लेते हैं। दुनिया में हार्वेस्टमैन की 6200 प्रजातियां हैं लेकिन हिमालयी क्षेत्र में यह दुर्लभ ही पाए जाते हैं। शोधकर्ता शिवानी देवी ने कहा कि यह खोज हिमालय की विशाल जैव विविधता में महत्वपूर्ण है। इससे पर्यावरण के बारे में हमारी समझ और ज्यादा बढ़ेगी। गर्व है कि इसका नाम हिमाचल पर रखा गया है। शोधकर्ता जेएम झुल्का ने कहा कि यह खोज दिखाती है कि अनेकों प्रजातियां हैं, जिन्हें अभी खोजना बाकी है।

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