प्रदेश के शिमला जिले के चिड़गांव निवासी मुस्कान नेगी को राज्य निर्वाचन विभाग ने चौथी बार ‘स्टेट यूथ आइकन’ बनाया है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के चिड़गांव निवासी मुस्कान नेगी को राज्य निर्वाचन विभाग ने चौथी बार ‘स्टेट यूथ आइकन’ बनाया है। दृष्टि बाधित मुस्कान नेगी को पहली बार साल 2017 में विधानसभा चुनावों के लिए ‘स्टेट यूथ आइकन’ बनाया गया था। इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव, 2022 में विधानसभा चुनाव और अब 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भी स्टेट यूथ आइकन बनाया गया है। मुस्कान नेगी का कहना है कि 2017 में उन्होंने पहली बार वोट डाला था। तब से लेकर हर चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करती हैं।
देश की मजबूती के लिए सभी को जरूर वोट करना चाहिए। मतदान करना हर नागरिक का न सिर्फ अधिकार है बल्कि कर्तव्य भी है। इसे लेकर सभी लोगों का जागरूक होना जरूरी है। मजबूत लोकतंत्र के लिए वोट करना बेहद जरूरी है। सरकार को कोसने से अच्छा है अपने विवेक के आधार पर चुनावों में मतदान करें। स्कूलों और कॉलेजों में जाकर मुस्कान युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करती हंै। मुस्कान का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी वह लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करती हैं।
कौन हैं मुस्कान नेगी
- हिमाचल प्रदेश विवि के संगीत विभाग से पीएचडी करने वाली मुस्कान नेगी आरकेएमवी कॉलेज शिमला में छात्राओं को संगीत पढ़ाती हैं।
- दृष्टि बाधित होने के चलते तमाम मुश्किलों के बावजूद मुस्कान ने जेआरएफ पास किया है।
- स्कान सुरीली आवाज के बूते अलग पहचान बना चुकी हैं और अमेरिका तक आवाज का जादू बिखेर चुकी हैं।
- मुस्कान उमंग फाउंडेशन की सक्रिय सदस्य रही हैं। दिव्यांग, जरूरतमंदों की मदद के लिए कार्य करती रही हैं।
- उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने मुस्कान के चौथी बार स्टेट यूथ आइकन बनने पर खुशी जाहिर की है।
फ्लैश बैक: 1952 में पहले चुनाव में थीं 2 सीटें
- भारत में पहला आम चुनाव 25 अक्तूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 तक हुआ था। उस समय हिमाचल प्रदेश में चंबा-सिरमौर और मंडी-महासू दो ही सीटें थीं।
- हिमाचल प्रदेश में उस समय कुल मतदाता 5,31,018 थे।
- चंबा सिरमौर सीट से एआर सेवल और मंडी महासू सीट पर गोपीराम और अमृत कौर ने जीत हासिल की। मंडी महासू सीट से दो सांसद चुने गए थे।
- मंडी महासू सीट से जीत हासिल करने वाली अमृत कौर देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनीं।
- उस समय बिलासपुर पार्ट-सी राज्य हुआ करता था। यहां से आनंद चंद ने आजाद प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी।