सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक रूप से किरतपुर-नेरचौक फोरलेन का दिल्ली से उद्घाटन किया। हालांकि इस फोरलेन पर पहले से यातायात सुचारू रूप से चल रहा था।
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन शुरू होने के बाद प्रदेश में यातायात कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। लोगों को पुराने चंडीगढ़-मनाली एनएच के तीखे मोड़ों और चढ़ाई भरे सफर से राहत मिली है। एनएचएआई की ओर से इस फोरलेन को अगस्त 2023 में ट्रायल के लिए खोला दिया था। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक रूप से किरतपुर-नेरचौक फोरलेन का दिल्ली से उद्घाटन किया। हालांकि इस फोरलेन पर पहले से यातायात सुचारू रूप से चल रहा था। पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग से किरतपुर से नेरचौक की दूरी करीब 106 किलोमीटर है।
स्वारघाट से बिलासपुर तक वाहन चालकों को करीब 30 किलोमीटर की सीधी चढ़ाई परेशानी का सबब होती थी। वहीं पर्यटन सीजन में पुराने हाईवे पर ट्रक खराब होने से पर्यटकों को लंबे जाम का सामना भी करना पड़ता था। फोरलेन बनने के बाद इसकी दूरी 37 किलोमीटर कम हुई। 69 किलोमीटर का सफर रोमांच और आरामदायक हुआ है। एक ओर जहां किरतपुर तक की दूरी कम हुई है, वहीं लोगों को इस सफर में हसीन वादियों के नजारे भी देखने को मिलते हैं।
फोरलेन का बहुत बड़ा भाग गोबिंद सागर झील के किनारे से होकर गुजरता है। इस झील के सुंदर नजारे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इस फोरलेन की पहली टनल कैंची मोड़ पार करते ही सुंदर वादियों के दृश्य शुरू हो जाते हैं। फोरलेन पर पांच टनल बनाई गई हैं। इनके बाहर देवभूमि की संस्कृति को झलकाती सुंदर कलाकारी की गई है।
पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वारघाट के पास वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी एनएच से अधिकतर पर्यटक हिमाचल आते थे। क्योंकि इस एनएच पर तीन सीमेंट कंपनियों के करीब आठ हजार ट्रक चलते थे और स्वारघाट क्षेत्र में जाम लगना सामान्य बात होती थी। बीच सड़क पर घंटों तक खराब ट्रक खड़े रहते थे। इन सब परेशानियों से लोगों और पर्यटकों को छुटकारा मिला है। साथ ही ट्रक चालकों को भी सुविधा मिली है। फोरलेन शुरू होने के बाद ट्रक मालभाड़े में कटौती हुई है और समय भी कम लग रहा है।
गोबिंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
किरतपुर-नेरचौक फोरलेन से शुरू होने के बाद धीरे-धीरे जल क्रीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है। प्रशासन और सरकार की ओर से इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस फोरलेन से गुजरने वाले पर्यटकों को इस झील के नजारे आकर्षित करते हैं। इससे जहां वाटर स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस फोरलेन के किनारे लोग अपना कारोबार भी शुरू कर रहे हैं।
फोरलेन के किनारे जमीन के बढ़े भाव
जिस क्षेत्र से यह फोरलेन गुजरा, उस क्षेत्र में जमीन के भावों में काफी बढ़ोतरी हुई है। बिलासपुर की झंडूता विस के क्षेत्र में फोरलेन के पहले लोगों को जमीन का बहुत कम दाम मिलता था। इस दाम 15 से 20 गुना बढ़े हैं। लोग यहां पर कारोबार के लिए निवेश भी कर रहे हैं। इसका लाभ इस क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है।
ट्रक चालकों को मिली राहत
बिलासपुर और सोलन जिले में स्थित दो सीमेंट फैक्ट्री के करीब 7 हजार ट्रक चालकों को भी पुराने हाईवे से छुटकारा मिला है। ट्रकों में माल भरकर तीखे मोड़ों से चलना आसान नहीं होता था। वहीं अब फोरलेन शुरू होने से बिलासपुर से स्वारघाट तक करीब 26 किलोमीटर कम हुआ है। वहीं सीमेंट कंपनियों को भी इसका लाभ हुआ है।
कुछ लोगों का कारोबार हुआ बंद
फोरलेन शुरू होने से जहां एक ओर विकास हुआ है। वहीं कुछ लोगों का इससे कारोबार भी बंद हुआ है। पुराने एनएच पर लोगों के ढाबे और छोटी दुकानें बंद हो गई हैं। इस एनएच से हजारों की संख्या में ट्रक और पर्यटक गुजरते थे। इनसे लोगों को अच्छा रोजगार प्राप्त होता रहा, लेकिन अब यह रोजगार बंद हुआ है।