राज्य निर्वाचन विभाग कार्यालय में मंगलवार को मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित कार्यशाला में मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने यह जानकारी दी।
लोकसभा चुनावी ड्यूटी पर जाने से पहले ही हिमाचल के 50,000 मतदान कर्मी वोट डाल देंगे। चुनाव आयोग ने पहली बार नई व्यवस्था की है। अब तक मतदान कर्मियों को बैलेट पेपर दिए जाते थे और मतदान केंद्र पर पोस्टल बैलेट से वोट डालते थे। मतदान से पूर्व प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारी राजपत्रित अधिकारी से स्व प्रमाणित घोषणा पत्र का सत्यापन कर मतदान करेंगे। राज्य निर्वाचन विभाग कार्यालय में मंगलवार को मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित कार्यशाला में मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने यह जानकारी दी। आयोग ने मीडिया कर्मियों को अनिवार्य सेवाओं में शामिल किया है।
मीडिया कर्मी भी मतदान से पहले वोट डाल सकेंगे। निर्वाचन आयोग के राष्ट्र स्तरीय मास्टर ट्रेनर मुंशी शर्मा ने प्रस्तुति के माध्यम से राज्य स्तरीय प्रमाणन समिति, सोशल मीडिया, फेक न्यूज, पेड न्यूज और पत्रकारों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। चुनावों के लिए चार मई तक वोट बनाए जा सकेंगे। इसके बाद भी यदि कोई पात्र व्यक्ति वोट बनाने के लिए आवेदन करता है तो आवेदन स्वीकार किया जाएगा। अगर कोई खबर पेड पाई जाती है तो उसका खर्चा प्रत्याशी के खर्चे में जोड़ा जाएगा और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को सूचित किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर चलने वाले विज्ञापनों का भी अग्रिम प्रमाणीकरण करवाना होगा। पेड न्यूज पर निर्वाचन विभाग अपने स्तर पर भी नजर रखेगा। राजनीति दलों और प्रत्याशियों के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखी जाएगी। प्रत्याशियों को नामांकन के समय अपने अकाउंट की जानकारी देनी होगी। मतदान केंद्रों और मतगणना केंद्रों में प्रवेश के लिए मीडिया पास जारी किए जाएंगे। राज्य एवं जिला स्तर पर मीडिया केंद्र स्थापित होंगे। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए पत्रकारों को राष्ट्रीय मीडिया पुरस्कार प्रदान करेगा।
94 मिनट में निपटाईं सी-विजिल एप पर आई शिकायतें
चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिए बनी सी-विजिल एप से शिकायतें निपटाने का हिमाचल का औसत समय 94 मिनट रहा है। बीते विधानसभा चुनावों में एप के माध्यम से निर्वाचन विभाग को 1013 शिकायतें मिली थीं जिन्हें औसतन 94 मिनट में निपटाया गया। विजिल एप पर आने वाली शिकायतों को 100 मिनट में निपटाने का प्रावधान है।