# हिमाचल में पहली बार विद्धाग्नि यंत्र से होगा हर तरह के दर्द का तुरंत इलाज|

For the first time in Himachal all types of pain will be treated immediately with Vidhagni Yantra.

उपचार भी ऐसा होगा कि रोगी को एलोपैथी की तर्ज पर हर प्रकार के दर्द से तुरंत प्रभाव से राहत मिलेगी। 

हिमाचल प्रदेश में अब विद्धाग्नि यंत्र से आयुर्वेद पद्धति के जरिये हर प्रकार के दर्द का तुरंत उपचार किया जाएगा। उपचार भी ऐसा होगा कि रोगी को एलोपैथी की तर्ज पर हर प्रकार के दर्द से तुरंत प्रभाव से राहत मिलेगी। विद्धाग्नि यंत्र को बनाने वाले ठाणे मुंबई के डॉ. उदय कुलकर्णी ने इस यंत्र को क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के सुपुर्द कर दिया है। बुधवार को क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह में अग्निकर्म पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार और कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में प्रदेश भर से आए आयुर्वेद विभाग के 50 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया

विशेषज्ञ के रूप में आए डॉ. उदय ने विद्धाग्नि यंत्र से उपचार की सारी विधियों के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी और डॉक्टरों से प्रेक्टिकल ट्रीटमेंट भी करवाए। डॉ. उदय ने बताया कि आयुर्वेद में हर प्रकार के दर्द का तुरंत इलाज संभव है लेकिन लोगों के मन में यह भ्रांति है कि आयुर्वेद से धीमा उपचार होता है। उन्होंने बताया कि विद्धाग्नि यंत्र से कैंसर दर्द, खेल संबंधी चोट, टेनिस एल्बो, घुटनों का दर्द, बाजू का दर्द, साइटिका का दर्द, पैंक्रियाज का दर्द, बवासीर, भगंदर और अस्थमा सहित सभी प्रकार के दर्द का तुरंत प्रभाव से उपचार संभव है। इस से ब्यूटी ट्रीटमेंट भी की जाती है

अग्निकर्म को करने के लिए अभी आयुर्वेद के पास एक भारी भरकम और महंगी मशीन उपलब्ध है। इस मशीन को हर किसी संस्थान में उपलब्ध करवा पाना और उससे उपचार दे पाना संभव नहीं होता। इसी बात को समझते हुए डॉ. उदय ने वर्ष 2010 में विद्धाग्नि यंत्र का निर्माण किया। यह उसी बड़ी मशीन का एक छोटा सा यंत्र है जो हर जगह आसानी से ले जाया जा सकता है और इसकी कीमत भी मात्र 20 हजार के आसपास है। डॉ. उदय ने बताया कि उन्होंने इस मशीन और तकनीक का पेटेंट करवाने का आवेदन कर दिया है। अभी तक डॉ. उदय आयुष मंत्रालय के अनुरोध पर देश के 20 राज्यों के एक हजार से ज्यादा डॉक्टरों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। हिमाचल में वह पहली बार इस यंत्र का प्रशिक्षण देने आए हैं।

इस मौके पर क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह के सहायक निदेशक डॉ. राजेश संड ने बताया कि आयुर्वेद की नई-नई तकनीकों को लेकर संस्थान में इस प्रकार के आयोजन होते रहते हैं। उन्होंने विद्धाग्नि यंत्र को संस्थान को देने के लिए डॉ. उदय का आभार जताया और बताया कि लोग हर प्रकार के गंभीर दर्द से राहत पाने के लिए संस्थान में आकर इसके माध्यम से उपचार ले सकते हैं। संस्थान के डॉक्टरों ने इसका पूरा प्रशिक्षण हासिल कर लिया है।

ऐसे होता है विद्धाग्नि यंत्र से उपचार
विद्धाग्नि यंत्र से अग्नि का प्रवाह होता है जो दर्द वाले स्थान पर ताप फैलाकर दर्द को तुरंत प्रभाव से कम करने का काम करती है। दर्द वाले स्थान पर सुई की हल्की सी चुभन दी जाती है जिससे ताप को अंदर तक जाने में मदद मिलती है। इस चुभन के बाद ताप दर्द तक पहुंचता है और तुरंत प्रभाव से दर्द से राहत मिलती है।

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