प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया है। शनिवार को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने चुनाव में विजेता रहे भाजपा सांसद एवं प्रतिवादी बनाए गए हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया। इस मामले में अगली सुनवाई 23 मई को होगी।
हिमाचल प्रदेश में 27 फरवरी को पूर्ण हुई राज्यसभा चुनाव प्रक्रिया को कांग्रेस प्रत्याशी और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मतदान में बराबरी के बाद पर्ची से निकाले गए परिणाम पर सवाल उठाते हुए सिंघवी ने चुनाव रद्द करने की गुहार लगाई है। कहा कि पर्ची जिस प्रत्याशी की निकलती है उसे हारा हुआ करार देने की धारणा कानूनी रूप से न्यायसंगत नहीं है।विज्ञापन
याचिका में ये कहा
सिंघवी का मत है कि यदि दो प्रत्याशियों को बराबर-बराबर वोट मिलते हैं, उस सूरत में लॉटरी निकालने का जो फार्मूला है, वह गलत है। आम तौर पर जिसका नाम पर्ची में निकलता है उसे जीतना चाहिए। इसलिए अगर यह धारणा गलत है तो चुनाव परिणाम भी गलत है। कानून में ऐसा कोई नियम नहीं है लेकिन, नियम की एक धारणा को कोर्ट में चुनौती दी गई है।विज्ञापन
ये हुआ था
बता दें कि 27 फरवरी को हिमाचल में राज्यसभा की एक सीट के लिए चुनाव हुआ था। इसमें तीन निर्दलीय विधायकों समेत छह कांग्रेस बागी विधायकों ने कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ वोट दिया था। 68 सदस्यों वाली हिमाचल विधानसभा में 34-34 मत दोनों प्रत्याशियों को मिले। मुकाबला बराबरी पर रहने के बाद लॉटरी सिस्टम से नाम निकाला गया। पर्ची सिंघवी के नाम की निकली और विजेता भाजपा के प्रत्याशी हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया।