प्रदेश के वनों में आग लगने से पहले ही सेंसर युक्त फायर अलर्ट सिस्टम सावधान कर देगा। इससे वनों में आग लगने से पहले ही उसे रोका जा सकेगा।
हिमाचल प्रदेश के वनों में आग लगने से पहले ही सेंसर युक्त फायर अलर्ट सिस्टम सावधान कर देगा। इससे वनों में आग लगने से पहले ही उसे रोका जा सकेगा। दिल्ली के एक स्टार्टअप के तहत बना यह उपकरण वनों में आग लगने से पहले ही वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, लोगों, पंचायत प्रतिनिधियों सहित अन्य कई स्वयंसेवियों को अलर्ट कर देगा। इस उपकरण को मंडी वन रेंज में आग लगने की दृष्टि से अति संवेदनशील शहर के आसपास लगते वनों में ट्रायल के तौर पर लगाया गया है।
भविष्य में अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो विभाग इसे लागू करेगा। इससे जहां अमूल्य वन संपदा को जलने से बचाया जा सकता है। वहीं, इससे असंख्य जीव जंतुओं की जानें बच सकेंगी। बता दें कि जिला मंडी सहित प्रदेशभर में गर्मियों के मौसम में हर बार वनों में आग लगने की घटनाएं होती हैं। इसमें वन संपदा सहित कई जीव-जंतु बेमौत मारे जाते हैं। अरण्यपाल मंडी अजीत कुमार ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस डिवाइस को मंडी रेंज में तीन जगहों पर स्थापित किया गया है। आने वाले समय में ही इसकी सफलता का पता चल पाएगा। इसके आधार पर इसे अन्य स्थानों पर स्थापित करने का निर्णय लिया जाएगा।
इस प्रकार काम करेगा उपकरण
सेंसर युक्त इस डिवाइस को दिल्ली के एक स्टार्टअप ने बनाया है। डिवाइस आर्द्रता, तापमान और कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा के आधार संकेतों को रिकॉर्ड करता रहता है और वन विभाग को संकेत देता है कि आग लगने कि कितनी संभावना है। मंडी में इस डिवाइस को आईसीआईसीआई फाउंडेशन के सहयोग से तीन स्थानों पर लगाया गया है। इससे गर्मियों के दिनों में डाटा एकत्र होगा और इससे वनों में आग लगने का पता चल पाएगा।