किन्नौर जिले में ट्रैकिंग के लिए पहुंचने वाले ट्रैकिंग दलों को वन विभाग की स्वीकृति लेना जरूरी होगा। इसके साथ ही दलों को सुरक्षा के दृष्टिगत जीपीएस ट्रैकर सिस्टम भी साथ रखना होगा।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में ट्रैकिंग के लिए पहुंचने वाले ट्रैकिंग दलों को वन विभाग की स्वीकृति लेना जरूरी होगा। इसके साथ ही दलों को सुरक्षा के दृष्टिगत जीपीएस ट्रैकर सिस्टम भी साथ रखना होगा। उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने ट्रैकर व्यवसाय से जुड़े लोगों को पर्यटन स्थलों में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के अलावा पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिगत आवश्यक सुझाव भी मांगे।
शर्मा ने बुधवार को जिले के पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी ट्रैकर समिति के सदस्यों के साथ बैठक ली। उन्होंने कहा कि जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ट्रैकिंग व्यवसाय से जुड़े युवाओं से आह्वान किया कि वह अपने सुझाव प्रशासन को दें।
उपायुक्त ने कहा कि जनजातीय जिले में ट्रैकिंग की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रैकिंग दलों को वन विभाग की स्वीकृति लेना अनिवार्य होगा और ट्रैकिंग दलों की सुरक्षा के दृष्टिगत जीपीएस ट्रैकर सिस्टम साथ रखना होगा, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में जिला प्रशासन बचाव एवं राहत कार्यों में त्वरित कार्रवाई कर सके।
उपायुक्त ने जिले में ट्रैकिंग करवाने वाले समूहों को निर्देश देते हुए कहा कि कठिन, अधिक ऊंचाई वाली ट्रैकिंग और पर्वतारोहण अभियानों के लिए राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थानों की ओर से जारी बेसिक एडवांस कोर्स सर्टिफिकेट को इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त माना जाना चाहिए। पर्वतारोहण अभियानों के लिए भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन की ओर से अनुमोदित पर्याप्त योग्यता होनी चाहिए और शारीरिक रूप से भी फिट होना चाहिए।
वन क्षेत्रों सहित ट्रैकिंग के लिए ट्रैकर्स, ऑपरेटर को शिविर, तंबू आदि लगाने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी होगी। पर्वतारोहण और ट्रैकिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण रस्सियां, हार्नेस, पुली सिस्टम और पोरबाइट स्ट्रेचर को एक अलग किट के रूप में रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि ट्रैकिंग केवल स्वीकृत मार्ग पर ही की जाए, किसी भी मार्ग परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पर्यटन विभाग प्रतिभागियों की आसान पहुंच और समझ के लिए कठिनाई स्तर को दर्शाते हुए ऐसे व्यावसायिक रूप से उपयोग किए जाने वाले मार्गों, ट्रैक, पर्वत चोटियों की सूची अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराएगा। संचालक यह सुनिश्चित करेगा कि ट्रैकिंग गतिविधि केवल निर्धारित प्राधिकारी की ओर से समय-समय पर परिभाषित मौसमों के दौरान सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले की जाए। ऑपरेटर यह सुनिश्चित करेगा कि सभी ट्रैकिंग समूह जियो ट्रैक किए गए हैं, जिनकी निगरानी जिला प्रशासन,
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से की जाएगी।
ऑपरेटर को ट्रैकिंग शुरू होने से पहले और बाद में ट्रैकर्स के साथ साथ प्रमाणित गाइड, प्रशिक्षकों की सूची संबंधित क्षेत्र की पुलिस चौकी या फिर थाना में जमा करवानी होगी।