चुनावों के लिए नॉमिनेशन भरने के साथ ही कांग्रेस ने अपने आक्रामक चुनावी अभियान का श्रीगणेश कर दिया है। मुख्यमंत्री सुक्खू खुद प्रचार को धार देने के लिए मैदान में उतरे तो रैलियों में उमड़ रही भीड़ ने भी कांग्रेस के लिए संभावनाओं के दरवाजे खोल दिए हैं। पिछले दिन जिस तरह मंडी और धर्मशाला में कांग्रेस की रैलियों में भारी जनसैलाब उमड़ा, उसे देखकर खुद कांग्रेस भी हैरान है। शुरूआती तौर पर मोदी मैजिक के चलते भाजपा को जो बढ़त मिली थी, उसे कांग्रेस ने अपनी रैलियों से कुंद करने की सफल कोशिश की है।
मंडी लोकसभा सीट से विक्रमादित्य के नामांकन के लिए सेरी मंच पर उमड़ी भीड़ हिमाचल में कांग्रेस के जोश को जाहिर कर रही थी। हजारों की संख्या में जुटे लोग देख कांग्रेस के नेताओं में भी गजब का जोश देखा गया। यहां मुख्यमंत्री ने अपने जोशीले भाषण से पिछली सारी चर्चाओं को विराम देकर हिमाचल कांग्रेस की एकजुट तस्वीर पेश की। मंडी सीट से कंगना के मुकाबले कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य को भी भरपूर समर्थन मिल रहा है, इसलिए यहां कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।
उसी तरह कांगड़ा के कांग्रेस उम्मीदवार आनंद शर्मा के नॉमिनेशन में भी कांग्रेसियों की एकजुटता और उपस्थित भीड़ ने भाजपा को आगाह कर दिया है कि मामला एकतरफा कतई नहीं है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने हिमाचल में प्रचार की कमान खुद संभालते हुए बागी विधायकों और भाजपा पर खूब हमलावर रहने की रणनीति बनाई है और ये कामयाब होती भी दिख रही है। मुख्यमंत्री हर रैली में विधायकों की खरीद-फरोख्त और भाजपा द्वारा सरकार गिराने के प्रयासों की बात कर भाजपा को घेर रहे हैं। लोकलुभावन फैसलों जैसे ओपीएस की बहाली और महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने की योजना जैसे फैसलों से सुक्खू जमीनी तौर पर खूब लोकप्रिय हुए हैं। वहीं आपदा के समय अपने खुद की बचत से 51 लाख का योगदान देना भी लोग भूले नहीं हैं और इसकी खूब प्रशंसा करते हैं।
कुल मिलाकर प्रचार के पहले दौर में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए भाजपा को चौंका दिया हैं। मंडी और कांगड़ा में प्रचार को धार देने के बाद शुक्रवार को सीएम सुक्खू हमीरपुर पहुंचे और सतपाल रायजादा के लिए रैली को संबोधित किया। हमीरपुर में भी अप्रत्याशित रूप से रैली में खूब भीड़ जुटी थी। हैवीवेट माने जा रहे भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के खिलाफ हमीरपुर में इतने लोगों को जुटना ही कांग्रेस के हौसलों को ऊंचा रखने के लिए काफी था। हमीरपुर से मुख्यमंत्री और ऊना से उप-मुख्यमंत्री ने अनुराग को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। देखना होगा आने वाले समय में कांग्रेस के इस आक्रामक प्रचार अभियान के मुकाबले भाजपा क्या रणनीति अपनाती है।