लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत हो गई है। प्रदेश में आखिरी चरण में एक जून को मतदान होना है, लेकिन यहां पर 11 दिन पहले बुजुर्गोंे और दिव्यांगजनों के मतदान के साथ महापर्व शुरू हुआ।
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार से लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत हो गई है। प्रदेश में आखिरी चरण में एक जून को मतदान होना है, लेकिन यहां पर 11 दिन पहले बुजुर्गोंे और दिव्यांगजनों के मतदान के साथ महापर्व शुरू हुआ। देश की 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव में अपनी भागीदारी के लिए बुजुर्ग और दिव्यांगजन खासे उत्साहित नजर आए। बुजुर्गों ने मतदान कर युवा समेत अन्य मतदाताओं को संदेश देते हुए कहा कि हमने कर दी शुरुआत, अब वोट देने की आपकी बारी है।
प्रदेश में 85 वर्ष से लेकर शतकवीर और 40 फीसदी से अधिक विकलांगता वाले मतदाताओं ने पहले दिन उत्साहित होकर मतदान किया। निर्वाचन विभाग की टीमें मतदान करवाने के लिए घर-घर पहुंची। निर्वाचन विभाग ने होम वोटिंग अभियान के दौरान रोजाना 5,000 लोगों से मतदान करवाने का लक्ष्य रखा है। 9 दिन यानी 29 मई तक प्रदेश में 25,958 लोगों से मतदान करवाया जाएगा। हालांकि, बहुत से बुजुर्ग और दिव्यांगजन घर से वोट न कर मतदान केंद्र पर पहुंच कर ही मतदान करने के इच्छुक रहते हैं।
इसके लिए मतदान केंद्रों पर रैंप और व्हीलचेयर की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। प्रदेश में 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कुल 60,835 में से 32,370 मतदाताओं ने घर से मतदान के लिए लिखित आवेदन किया है, इनमें से 25,958 के आवेदन निर्वाचन विभाग ने स्वीकार कर लिए हैं। 57,775 दिव्यांगजन मतदाताओं में से 13,554 मतदाताओं के आवेदन निर्वाचन विभाग को प्राप्त हुए हैं, इनमें से 9,394 के आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं।
गगरेट में 87 और ऊना में 22 ने घर से डाला वोट
लोकसभा चुनाव के महापर्व में मंगलवार को ऊना विधानसभा के बूथ नंबर 16, 17, 18 और 19 के 22 लोगों ने घर से मतदान किया। वहीं, ऊना के 100 वर्षीय गुरदास राम ने अपने सहयोगी नवदीप कश्यप के साथ वोट डाला। पहले दिन गगरेट में लगभग 87 मतदाताओं ने वेलेट पेपर के जरिए मतदान किया। गगरेट विधानसभा में कुल 576 वोटर 85 वर्ष से ऊपर और दिव्यांग हैं।
घर-घर मतदान के लिए प्रदेश में 7,00 मोबाइल पोलिंग टीमें फील्ड में उतर गई हैं। पहले दिन लोगों में मतदान को लेकर खूब उत्साह देखने को मिला है। उम्मीद है कि अन्य लोग भी बढ़-चढ़ कर मतदान करेंगे और हम 76 फीसदी का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे। निर्वाचन विभाग ने रोजाना 5,000 लोगों से मतदान करवाने का लक्ष्य रखा है। – मनीष गर्ग, राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी
पोलिंग बूथ दूर होने के चलते पैरों में होता था दर्द : कृष्णावती
लोअर बाजार की 86 वर्षीय कृष्णावती ने बताया कि पहली बार घर पर मतदान करने की सुविधा मिली है। पहले पोलिंग बूथ दूर होने के चलते पैदल चलते समय पैरों में दर्द होता है, ऐसे में पिछली बार लोकसभा चुनाव में वोट नहीं दे सकीं। लेकिन होम वोटिंग की सुविधा से इस बार वह लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए वोट डाल पाईं।