# पानी जीवन का मौलिक अधिकार, लोगों को प्यासा नहीं रख सकते’…

HP High Court: Water is a basic right of life, we cannot keep people thirsty

 प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जलशक्ति विभाग को निर्देश दिए हैं कि टैकरों के माध्यम से चौपाल में सात गांव के निवासियों को पीने का पानी मुहैया करवाया जाए। 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला जलशक्ति विभाग को निर्देश दिए हैं कि टैकरों के माध्यम से चौपाल में सात गांव के निवासियों को पीने का पानी मुहैया करवाया जाए। जलशक्ति विभाग की ओर से अधीक्षण अभियंता सर्किल शिमला ने स्टेटस रिपोर्ट दायर की। रिपोर्ट में कहा गया है कि मेन लाइन में पानी की कमी के कारण इन गावों में पानी की आपूर्ति नहीं दी जा रही है। कोर्ट ने इस तथ्य को अस्वीकार करते हुए कहा कि पानी जीवन का मौलिक अधिकार है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 में  वर्णित है।

हम लोगों को प्यासे नहीं रख सकते। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की अदालत ने कहा कि लोगों को पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। अदालत ने महाधिवक्ता के कार्यालय के माध्यम से प्रतिवादी नंबर-तीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नेरवा और प्रतिवादी सुपरिटेंडेंट इंजीनियर रोहडू-4 को सूचित करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि यह मामला हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला की तहसील चौपाल के गांव शिला, बडलोग, शापरा, कोट, नाहर, थलोग, गगना और बागना का है। गांव के लोग लंबे समय से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने वाटर स्कीम प्रोजेक्ट वर्क की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं।

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