मंडी सीट कांटे के मुकाबले में उलझ गई है। भाजपा जीते चाहे कांग्रेस, यहां जीत-हार का अंतर कम रहने वाला है।
हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट कांटे के मुकाबले में उलझ गई है। भाजपा जीते चाहे कांग्रेस, यहां जीत-हार का अंतर कम रहने वाला है। भाजपा और कांग्रेस का यहां अपना परंपरागत वोट बैंक है। जो भी दल आम मतदाता को रिझाने में सफल होगा, वही संसद की दहलीज पार कर सकेगा। भाजपा प्रत्याशी कंगना रणौत को मोदी मैजिक, पूर्व सीएम जयराम ठाकुर के जनाधार और अपने स्टारडम के बलबूते जीत की उम्मीद है। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह पिता और छह बार के पूर्व सीएम दिवंगत वीरभद्र के सिंह परंपरागत वोट बैंक, सुक्खू सरकार की नीतियों से जीत की आस है।
भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी के बीच छिड़ी जुबानी जंग ने छह जिलों के तहत आने वाले मंडी संसदीय सीट के मतदाताओं को पसोपेश में डाला हुआ है। कंगना खुद को प्रदेश की बेटी और विक्रमादित्य खुद को बेटा बताकर मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में करने की जुगत बैठा रहे हैं। अपने परंपरागत वोट बैंक को साध कर दूसरे खेमे में सेंधमारी करने वाले प्रत्याशी के लिए ही जीत का दरवाजा खुलेगा। मंडी का रण कंगना और विक्रमादित्य के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के परिवार का हिमाचल में राजनीतिक भविष्य भी तय करेगा।
विक्रमादित्य के पिता दिवंगत वीरभद्र सिंह और माता प्रतिभा सिंह मंडी से तीन-तीन बार सांसद रह चुके हैं। पूर्व सरकार में पहली बार मंडी को जयराम के रूप में पहला मुख्यमंत्री मिला। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में जयराम ने अपनी लोकप्रियता का प्रमाण देते हुए जिले की नौ सीटों पर भाजपा का परचम लहराया। जयराम और प्रतिभा अभी तक प्रदेश के इक्का-दुक्का क्षेत्रों में ही प्रचार के लिए गए हैं। दोनों ने मंडी में जुटे हैं।
ये हैं मुख्य मुद्दे
- अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाना।
- भुभु जोत, जलोड़ी टनल का निर्माण।
- द्रंग में नमक खान फाइलों तक सीमित।
- जोगिंद्रनगर से आगे नहीं बढ़ी रेलवे लाइन।
14 चुनाव कांग्रेस ने जीते
वर्ष 1952 से 2021 तक हुए 20 चुनावों में अभी तक 14 बार कांग्रेस, पांच बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी के प्रत्याशी की जीत हुई है। वर्तमान में मंडी सीट के 17 विधानसभा क्षेत्रों में से 12 में भाजपा के विधायक और कांग्रेस के चार विधायक हैं। लाहौल-स्पीति में विधानसभा उपचुनाव हो रहा है। मंडी संसदीय क्षेत्र में सर्विस वोटर को मिलाकर 13,77,173 मतदाता हैं। इनमें 6,78,224 महिलाएं और 6,85,831 पुरुष मतदाता हैं।
लीड के लिए जोर लगा रहे दोनों दल
कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, शिमला के रामपुर और चंबा के भरमौर से लीड लेने के लिए भी दोनों दलों ने जोर लगाया हुआ है। मंडी संसदीय सीट पर नामांकन दाखिल करने से लेकर अभी तक हुई चुनावी रैलियों और नुक्कड़ सभाओं में दोनों प्रत्याशियों का पलड़ा भारी रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मई को मंडी में रैली कर चुके हैं। अब बुधवार को प्रियंका गांधी कुल्लू और सुंदरनगर में हुंकार भरेंगी।
एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर भुनाए जा रहे मुद्दे
मंडी लोकसभा के चुनाव प्रचार में भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर विकास कार्य नहीं करने के खूब आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह लगातार मंडी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा नहीं बनने के मामले को उठाकर पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। विक्रमादित्य का आरोप है कि जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री रहते हुए डबल इंजन की सरकार के समय अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को ही पूरा नहीं कर सके। उधर, भाजपा प्रत्याशी कंगना मंडी से मौजूदा सांसद और विक्रमादित्य सिंह की माता प्रतिभा सिंह पर क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगा रही हैं। कंगना का आरोप है कि प्रतिभा सिंह अपने कार्यकाल के दौरान सांसद निधि को भी पूरे क्षेत्र में नहीं बांट सकीं।