लगातार चार बार हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद रहने के बाद अनुराग इस चुनाव में स्थानीय और देश के मुद्दों के साथ मैदान में हैं। यहां भाजपा प्रदेश सरकार को बदलने की बात कह रही है, वहीं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अनुराग द्वारा किए गए कार्यों पर हमला बोल रहे हैं। हिमाचल की राजनीति पर अनुराग ठाकुर से प्रवीण पाण्डेय की बातचीत के अंश…
क्रिकेट की पिच से सियासत की पिच पर उतरे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आज भी क्रिकेट से मिले अनुशासन के सहारे राजनीति की सीढि़यां चढ़ रहे हैं। लगातार चार बार हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद रहने के बाद अनुराग इस चुनाव में स्थानीय और देश के मुद्दों के साथ मैदान में हैं। यहां भाजपा प्रदेश सरकार को बदलने की बात कह रही है, वहीं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अनुराग द्वारा किए गए कार्यों पर हमला बोल रहे हैं। हिमाचल की राजनीति पर अनुराग ठाकुर से प्रवीण पाण्डेय की बातचीत के अंश…
हिमाचल की राजनीति में इस बार कुछ अलग ही हवा बह रही है। राजनीति में इतनी तीखी बयानबाजी पहले नहीं होती थी?
हर चुनाव ऐसा होता है। विधानसभा का चुनाव भी निचले स्तर तक लड़ा जाता है और लोकसभा का चुनाव भी।
बात भाषा की हो रही है। आप सीएम को ठग बता रहे हैं और सुक्खू भाजपा विधायकों के लिए बिकाऊ शब्द इस्तेमाल करते हैं?
जब जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करे तो ठगने वाले को क्या कहेंगे।
शांताजी और धूमलजी ने भी प्रदेश में राजनीति की है लेकिन ऐसे बयान नहीं दिए?
मुझे लगता है जनता जिस मूड में है वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। आपको पता हो तो आप ही कोई अच्छा शब्द बता दें। हम तो जनता का फीडबैक लेते हैं, उस आधार पर बात करते हैं। जनता से पूछते हैं कि पंद्रह सौ रुपये मिले या नहीं, प्रदेश सरकार द्वारा किए अन्य वादे पूरे किए या नहीं। तब हम लोग कहते हैं कि ठगने वालों को माफ नहीं करना है।
आपकी पार्टी चुनी हुई सरकार गिराने की बात कर रही है यह कितना उचित है?
हम सरकार गिराने की बात नहीं कहते। कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में जो उम्मीदवार बाहर से लाई उसी से कांग्रेस की गलत शुरुआत हो गई। दूसरा, कांग्रेस विधायकों का गुस्सा था कि सीएम सुनते नहीं हैं काम होते नहीं हैं। जनता जो जवाब मांगती है उसका जवाब नहीं मिलता है। यह समस्या कांग्रेस के अंदर चल रही थी छह-सात माह से। कांग्रेस विधायक खुले मंच से मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ बोलते थे। विधायकों का गुस्सा सरकार के खिलाफ गया।
आप तो देश भर में घूम चुके हैं। चुनाव प्रचार भी कर चुके हैं। भाजपा के 400 पार के नारे में कितना दम लग रहा है?
जब जनता कहती थी कि भाजपा कहां आएगी तब हम 282 सीटें जीते। पिछले चुनाव में कहते थे कि भाजपा बिना समर्थन के सरकार नहीं बना पाएगी और समर्थन कोई देगा नहीं। तब हमने 303 सीटें जीतीं। अब हमने 400 सीटें जीतने की बात कही है तो लोग कहते हैं सवा तीन सौ तक सीटें आ जाएंगी। ऐसे कयास लगाने वाले लोगों की बातों से हमेशा अधिक सीटें हमने जीती हैं। कांग्रेस लोकसभा की कुल 543 में से 300 से ज्यादा सीटों पर चुनाव ही नहीं लड़ रही। बहुत स्पष्ट है कि एक पार्टी 400 सीटें जीतने की बात कर रही है, वहीं एक पार्टी वह है जो 230 से 240 सीटों पर मुश्किल से चुनाव लड़ पा रही है।
हमीरपुर मेडिकल काॅलेज पर घमासान मचा है, क्रेडिट वार चल रहा है आपके और सीएम के बीच?
हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के लिए न तो कांग्रेस ने मंजूरी दिलवाई और न ही जमीन दिलवाई। मोदी सरकार में जो 157 मेडिकल काॅलेज मंजूर हुए, उनमें से हमीरपुर मेडिकल काॅलेज एक है। गुलाम नबी आजाद ने 2014 में एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान नाहन और चंबा मेडिकल काॅलेज का जिक्र किया था। उसके बाद कांग्रेस सरकार ने बजट में भी मेडिकल काॅलेज का कोई प्रावधान नहीं किया।
पासा पलटने को तैयार कांग्रेस विधायक
ये हिमाचल में सरकार गिराने की बात बार-बार क्यों हो रही है? पीएम, गृह मंत्री भी 4 जून को परिवर्तन के संकेत दे गए हैं?
कांग्रेस के विधायक अपनी ही सरकार से तंग हैं। वे चुनाव का इंतजार कर रहे हैं और चुनाव के बाद वे पासा पलटने के लिए तैयार होंगे। इस चुनाव में भी कांग्रेस को लोगों का जो गुस्सा झेलना पड़ा, 1500 रुपये सम्मान राशि और 300 यूनिट बिजली के मुद्दे पर कांग्रेस बैकफुट पर है। आप 16 महीनों में नहीं दे पाए, अब 24 घंटे में देने की बात करते हैं। यह बात जनता पूछ रही है कि 16 महीनों में 24 घंटे क्यों नहीं मिल पाए।
राजनीति की पिच में और क्रिकेट की पिच में क्या अंतर है?
क्रिकेट से मैंने बहुत कुछ सीखा, क्रिकेट ने मुझे परिश्रम और अनुशासन सिखाया। मैंने कभी यह नहीं देखा कि सामने वाले बल्लेबाज ने कितने रन बनाए हैं, बल्कि हमेशा यह प्रयास किया है कि अपनी लाइन कैसे लंबी की जाए। मुझे नहीं पता था कि राजनीति में आऊंगा, लेकिन जब आया तो यहां भी बेहतर कर दिखाया। अटलजी की दो लाइनें मुझे हमेशा याद रहती हैं कि छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता और टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।
सीएम कहते हैं मैं इंतजार कर रहा हूं हमीरपुर में अनुराग रेल लेकर आएं और मैं सफर करूं ?
सीएम का काम है रोड़े अटकाना। उनकी इसी आदत से छह विधायक उन्हें छोड़ गए। रेल लाइन का सर्वे केंद्र सरकार ने करवाया। आठ हजार करोड़ रेल लाइन का खर्च आया। हमने यह खर्च कम करवाया और पांच हजार करोड़ तक ले आए। रेलवे के प्रोजेक्ट में देशभर में पचास प्रतिशत राज्य और पचास प्रतिशत केंद्र को देना होता है। हिमाचल के लिए यह राशि 25 प्रतिशत हो गई। 16 माह में एक बार भी हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने सोलह मिनट निकालकर केंद्र को नहीं लिखा कि हम 25 प्रतिशत देने के लिए तैयार हैं। इसलिए मैंने कहा है कि रोड़ा अटकाएंगे तो इंतजार ही करेंगे। दूसरी बात यह है कि भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन तेजी से बन रही है। 17 गुना ज्यादा पैसा केंद्र सरकार ने दिया है। उसके मुकाबले 25 प्रतिशत राज्य सरकार को देना है जो कि नहीं दे रहे हैं। सवाल खड़ा होता है कि हिमाचल के विकास में रोड़ा क्यों अटकाती है सुक्खू सरकार?
आपका क्या मानना है सेलिब्रिटी को चुनाव में टिकट दिया जाना चाहिए?
हर उस व्यक्ति को टिकट दिया जाना चाहिए जो जीतने की ताकत रखता हो।
कंगना जीत गईं तो हिमाचल में एक और युवा नेता तैयार हो जाएगा जबकि अभी तक युवा नेता के तौर पर आपका नाम सामने आता है?
देश में जितने युवा नेता आएंगे उतना देश के लिए बेहतर होगा। सभी अलग-अलग स्तर पर देश को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। हमारी पार्टी पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक युवाओं को प्रमोट करती है।
कांग्रेस का इतिहास रक्षा सौदों में दलाली खाने का
अग्निवीर भर्ती को लेकर राहुल गांधी ने कहा है कि सत्ता में आते ही भर्ती को बंद करेंगे?
राहुल का वश चले तो देश का रक्षा विभाग ही बंद कर दें। कश्मीर में हमारे सैनिक मरते रहे कांग्रेस ने बुलेट प्रूफ जैकेट तक नहीं दी। रक्षा सौदों में ढिलाई के चलते एयरक्राफ्ट नहीं खरीदे। जाते-जाते फाइलों पर रिएग्जामिन लिख गए, क्योंकि उन्हें इन सौदों में दलाली नहीं मिली। कांग्रेस का इतिहास रहा है रक्षा सौदों में दलाली खाने का। दस साल कांग्रेस सरकार रही वन रैंक वन पेंशन नहीं दी। हमारी सरकार जो कहती है वह करती है। यही कारण है कि जनता आज भी मोदीजी के नेतृत्व में देश को आगे बढ़ता हुआ देखना चाहती है।