हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा के तुंदाह वन्य प्राणी क्षेत्र में दुर्लभ प्रजाति के भूरे भालू और कस्तूरी मृग को देखा गया है। कुछ वर्ष पहले कुगति और पांगी के जंगलों में दुर्लभ वन्य जीव यानी बर्फानी तेंदुआ, भूरा भालू और कस्तूरी मृग के प्रमाण मिले थे। तुंदाह में ऐसे प्रमाण कभी नहीं मिले थे।
चंबा जिला के तुंदाह वन्य प्राणी क्षेत्र में पहली बार दुर्लभ प्रजाति के भूरे भालू और कस्तूरी मृग को देखा गया है। भूरे भालू का पूरा परिवार जंगल में मिला। इसके अलावा कस्तूरी मृग भी जंगल में विचरण करता हुआ नजर आया। इन दुर्लभ वन्य जीवों का तुंदाह के जंगलों में होने का उस समय प्रमाण मिला, जब वन्य प्राणी विभाग की टीम सर्वे के लिए तुंदाह जंगली गई थी।
सड़क से मीलों दूर पैदल चढ़ाई चढ़कर जब टीम वन्य प्राणी क्षेत्र तुंदाह के ऊपरी पहाड़ों पर पहुंची तो वहां बर्फ के बीच में भूरे भालू का पूरा परिवार धूप सेंक रहा था। इसकी विभागीय टीम ने तस्वीरें भी खींचीं हैं। इसके साथ जब विभागीय टीम सर्वे करने के लिए जंगल में थोड़ा और दूर निकली तो उन्हें कस्तूरी मृग दिखाई दिया। इसे देख पूरी टीम अचंभित हो गई।
इससे पहले तुंदाह वन्य प्राणी क्षेत्र में ये दुर्लभ वन्य जीव कभी नहीं देखे गए थे। ऐसे में इन वन्य जीवों के इन जंगलों में मिलना वन्य प्राणी विभाग के लिए अच्छी खबर है। इन वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर विभाग पहले ही सक्रिय तरीके से काम कर रहा है। अब इन वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर विभाग ओर भी कड़े कदम उठा सकता है। कुछ वर्ष पहले कुगति और पांगी के जंगलों में दुर्लभ वन्य जीव यानी बर्फानी तेंदुआ, भूरा भालू और कस्तूरी मृग के प्रमाण मिले थे।
तुंदाह में ऐसे प्रमाण कभी नहीं मिले। ऐसे में तुंदाह में इन दुर्लभ वन्य जीवों का मिलना इस बात की तरफ इशारा करता है कि यह दुर्लभ वन्य जीव चंबा के जंगलों में फल-फूल रहे हैं। इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि वन्य प्राणी विभाग ने अवैध शिकारियों पर जो शिकंजा कसा है। उससे ये वन्य जीव जंगलों में सुरक्षित बच रहे हैं।
कुछ दिन पहले वन्य प्राणी विभाग ने वन्य जीवों का सर्वे किया। इसमें उन वन्य जीवों की प्रजातियों का पता लगाने का प्रयास किया गया कि कौन-कौन सी प्रजातियां वन्य प्राणी क्षेत्रों में फल फूल रही हैं। वन्य प्राणी विभाग के डीएफओ कुलदीप जमवाल ने बताया कि तुंदाह वन्य प्राणी क्षेत्र में पहली बार दुर्लभ प्रजाति का भूरा भालू और कस्तूरी मृग मिले हैं। यह वन्य प्राणी विभाग के लिए काफी खुशी की खबर है। आने वाले दिनों में इन वन्य जीवों की गणना के साथ उनकी सुरक्षा को लेकर भी उचित कदम उठाए जाएंगे।