प्रदेश में जुलाई माह से शुरू होने वाले सेब सीजन के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। पहली बार वजन और दूरी के आधार पर सेब का मालभाड़ा निर्धारित होगा।
हिमाचल प्रदेश में जुलाई माह से शुरू होने वाले सेब सीजन के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। पहली बार वजन और दूरी के आधार पर सेब का मालभाड़ा निर्धारित होगा। प्रदेश के दो लाख बागवान परिवारों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को सेब सीजन की तैयारियों को लेकर सचिवालय में आयोजित बैठक के दौरान बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सल कार्टन लागू करने के बाद सरकार ने वजन और दूरी के आधार पर सेब का मालभाड़ा तय करने का फैसला लिया है। नेगी ने अधिकारियों को मालभाड़ा तय करने के नियमों में बदलाव के लिए उपयुक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
इसके लिए जिला उपायुक्तों की जवाबदेही तय की जाएगी। उपमंडलाधिकारी सभी हितधारकों के साथ बैठक कर वजन और दूरी के हिसाब से मालभाड़ा तय करेंगे और उपायुक्त अधिसूचना जारी करेंगे। बैठक में उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा, संयुक्त सचिव बागवानी विक्रम सिंह नेगी, हिमफेड के प्रबंध निदेशक ज्ञान सागर नेगी, राज्य कृषि एवं विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी, सचिव राज्य परिवहन प्राधिकरण नरेश ठाकुर, मुख्य अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) लोक निर्माण विभाग सुरेश कपूर तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बागवानी मंत्री ने साफ किया कि इस सीजन से मंडियों में सेब सिर्फ यूनिवर्सल कार्टन में बिकेगा। बाहरी राज्यों को भी सेब यूनिवर्सल कार्टन में ही भेजा जाएगा। बागवानों को फसल की पेमेंट समय पर मिले, इसके लिए अधिकारी पुख्ता व्यवस्था करेंगे। आढ़तियों और खरीदारों के पंजीकरण और लाइसेंस नवीनीकरण की व्यवस्था में जरूरी बदलाव होंगे।
उपायुक्त देखेंगे पिकअप और ट्रकों की उपलब्धता
उपायुक्त शिमला को सीजन के दौरान मांग के अनुसार ट्रकों और पिकअप गाड़ियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और फागू में सेब नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए गए। पुलिस विभाग को सीजन में यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए। लोक निर्माण विभाग को फल उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों के रखरखाव और भारी बारिश और भूस्खलन से बाधित सड़कों को तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए गए।