# वोटरों ने नहीं बदला ट्रेंड, अब नतीजों पर नजर…

Himachal Assembly byelection: Voters did not change the trend, now eyes on the results

हिमाचल प्रदेश के तीन विस क्षेत्रों में उपचुनाव में वोटरों का ट्रेंड नहीं बदला है। पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी नालागढ़ में सबसे अधिक और देहरा में मतदान प्रतिशत कम रहा । भाजपा और कांग्रेस के नेता इन तीनों सीटों पर चुनावी नतीजों को अपने-अपने पक्ष में बता रहे हैं। नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक लगभग 79.4 प्रतिशत, हमीरपुर में 67.72 और देहरा में 65.42 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। हालांकि वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी तीनों ही सीटों का ट्रेंड ठीक इसी तरह से रहा है। उस समय देहरा में यह 70.94, हमीरपुर में 71.28 और नालागढ़ में 81.40 प्रतिशत मतदान हुआ था। पूरे राज्य का यह औसत 75.60 फीसदी था। उस वक्त तीनों ही सीटों पर निर्दलीय चुनाव जीते थे। देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर ने निर्दलीय चुनाव जीता था। 

कांग्रेस तीनों ही सीटों पर दूसरे और भाजपा तीसरे स्थान पर रही। ऐसे में इस बार मतदान का वही ट्रेंड पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही कांग्रेस के पक्ष में है या तीसरे स्थान पर रही भाजपा को बढ़त दिला गया है। चूंकि इस बार तीनों ही निर्दलीय भाजपा के उम्मीदवार हैं तो भाजपा इसे अपने पक्ष में मान रही है। पिछले चुनाव में भाजपा से अधिक मत लेने वाली कांग्रेस इसे अपने लिए हुआ मतदान मान रही है। देहरा में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पत्नी उपचुनाव लड़ रही हैं तो वहां पर महिला मतदाताओं की ओर से बढ़चढ़कर मतदान करने का दावा कर कांग्रेस कह रही है कि यह वोट मुख्यमंत्री को पड़े हैं।

वहीं, भाजपा ऐसा नहीं मान रही है। हमीरपुर में भी कांटे की टक्कर मानी जाती रही है। भाजपा और कांग्रेस के यहां पर जीत हार के अपने-अपने तर्क हैं। कांग्रेस मुख्यमंत्री के वर्चस्व की बात कर रही है तो भाजपा यहां पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की मेहनत के सिरे चढ़ने और सरकार के खिलाफ मतदान होने की बात कर रही है। इसी तरह से नालागढ़ में निर्दलीय हरप्रीत सैणी ने भी पूरे दमखम से चुनाव लड़ा है तो यहां पर मत प्रतिशतता बढ़ने का एक कारण यह भी माना जा रहा है कि तीनों ने ही वोट खींचने का प्रयास किया है। सबके अपने-अपने पक्ष में दावे हैं।

अपने इलाके के विकास के लिए लोग सरकार के साथ जुड़ना चाह रहे हैं तो ऐसे में निस्संदेह यह मतदान कांग्रेस के पक्ष में हुआ है। जनता पर चुनाव थोपने का जनता ने भाजपा को कड़ा जवाब दिया है। देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ में तो मत प्रतिशतता का पिछले चुनाव में भी ऐसा ही ट्रेंड था और भाजपा को उस समय मुंह की खानी पड़ी थी।– नरेश चौहान, उपाध्यक्ष, प्रदेश काग्रेस कमेटी।

मतदान के बाद भाजपा तीनों ही उपचुनाव को जीतने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। हमीरपुर में अच्छा मतदान हुआ है, वह भाजपा के पक्ष में होगा। नालागढ़ में स्वच्छ छवि और माफिया की लड़ाई है और उसमें भाजपा जीतेगी। जिस प्रकार सरकार ने जनता को परेशान किया है, उसका खामियाजा भुगतना है। देहरा में प्रत्याशी का अपना वोट और घर तक नहीं था। लोकसभा चुनाव में कांगड़ा में आनंद शर्मा को जिस तरह से खारिज किया गया, उसी तरह कांग्रेस देहरा में भी खारिज होगी। भाजपा सभी सीटें जीत रही है।– करण नंदा, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा।

40 दिन बाद लोगों ने फिर डाले वोट
हिमाचल प्रदेश में 40 दिन बाद लोगों ने बुधवार को फिर वोट डाले। इससे पूर्व एक जून को लोकसभा चुनाव के साथ ही हिमाचल प्रदेश में छह सीटों पर उपचुनाव हुए। उस दौरान देहरा, हमीरपुर और नालागढ़ की जनता ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान किया और बुधवार को विधानसभा उपचुनाव के लिए भी मतदान किया।

जीते तो बढ़ेगी सुक्खू की प्रतिष्ठा
देहरा समेत तीनों सीटों पर उपचुनाव जीते तो इससे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुृक्खू की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। जीत से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के दमखम का भी परिचय होगा। अगर नहीं जीत पाए तो इससे सरकार पर फिलहाल कांग्रेस पर कोई आंच तो नहीं आएगी। सुक्खू सरकार इस सबके बावजूद बहुमत में ही होगी।

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