शिमला और कुल्लू की सीमा पर रामपुर में समेज खड्ड में आई बाढ़ में लापता लोगों के परिजनों का दर्द कम नहीं हो रहा। लापता 36 लोगों में से शुक्रवार को एक का भी सुराग नहीं मिला। यहां जो भी आ रहा है उसके आंसू छलक रहे हैं। ग्रामीण एक-दूसरे को ढांढ़स बंधा रहे हैं। बयां करते बख्शी केदारटा ने कहा कि मेरे परिवार से 16 लोग लापता हैं, ये कहते ही उनकी आंखों में आंसू छलक पड़े। उन्होंने कहा कि घटना से तीन दिन पहले ही उन्होंने बेटी से बात की थी।
उनकी बेटी का 4 साल का बेटा और 8 साल की बेटी भी लापता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा मंजर कभी नहीं देखा। अनीता ने बताया कि घटना की रात वह नींद में थी। अचानक 12:30 बजे घर हिला। बाहर आवाजें आ रही थीं। तब वह भी अपने बच्चों के साथ घर से बाहर आ गई और यहां से भागकर ऊपर मंदिर में चले गए। हमने पूरी रात वहां गुजारी। सुबह यहां आए तो कुछ नहीं बचा था। अब जीने का क्या फायदा, जब अपना कोई रहा ही नहीं।
बता दें, शिमला, मंडी और कुल्लू में बादल फटने और भारी बारिश से मानव जीवन और संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचा है। पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशालाएं, 10 दुकानें और मछली फार्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं। प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को प्रदेश सरकार भोजन, रसोई गैस, कंबल और गैस चूल्हे जैसी मूलभूत वस्तुएं निशुल्क देगी। पीड़ितों से मिलकर उन्हें राशन के लिए 50 हजार की मदद और तीन महीने के लिए प्रतिमाह 5,000 हजार रुपये आवास किराया देने की बात की। सीएम ने आपदा प्रभावितों को तत्काल राहत पैकेज देने की घोषणा की।