बादल फटने से बुधवार आधी रात को रामपुर बुशहर के समेज खड्ड में आई भयंकर बाढ़ में बहे 36 लोगों का दूसरे दिन भी सुराग नहीं लग पाया। शुक्रवार तड़के पांच बजे से स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, आपदा प्रबंधन टीम, होमगार्ड, आईटीबीपी, बायल से आए भारतीय सेना के जवान बारिश में भी खड्ड के आसपास और मलबे में लापता लोगों को खोजते रहे पर शाम तक कोई कामयाबी नहीं मिली।
वहीं लापता लोगों के परिजन और उनके रिश्तेदार भी अपने लोगों को तलाश करते रहे। दोपहर 12 बजे बारिश होने पर रेस्क्यू टीम को परेशानी हुई। इसके बावजूद टीम डटी रही। समेज में अभी तक 20 परिवारों को प्रशासन की ओर से फौरी राहत राशि दी गई है। हर परिवार को 15-15 हजार रुपये दिए गए हैं।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि पीड़ित और प्रभावितों दोनों को फौरी राहत राशि जारी कर दी है। एक अगस्त देर शाम को ही राशि वितरित कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन तीव्र गति से चला हुआ हैं। हमारा लक्ष्य हर लापता को ढूंढने का है। रेस्क्यू टीम में अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। बिजली और पानी की व्यवस्था को भी जल्द बहाल कर दिया जाएगा। 85 किलोमीटर तक सर्च अभियान चला हुआ है। वहीं निरमंड प्रशासन की ओर से भी प्रभावितों को राहत राशि दी गई। इस दौरान प्रशासन और अन्य समाजसेवी संस्थाओं ने भी भोजन-पानी की व्यवस्था की थी।
मकान मालकिन को बचाते खुद भी बाढ़ में बह गए अजय
बीते दिन शिमला जिले के समेज में आई बाढ़ में कई ग्रामीण लापता हैं। इनमें सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र के दुगाना गांव का अजय पुंडीर भी शामिल है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार अजय वहां एक पावर प्रोजेक्ट में सिविल ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे हैं। अजय की लापता होने की खबर सुनते ही परिजन समेज पहुंचे हैं। परिजनों में अजय के चाचा सुमेर पुंडीर ने अमर उजाला को बताया कि बचे हुए आठ ग्रामीणों में से तीन लोग प्रोजेक्ट के कर्मचारी है।
प्रोजेक्ट के कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि अजय को फोन पर सूचना मिल गई थी कि बादल फटने से बाढ़ आई है। जिस मकान में वह रहते थे, वहां से उन्होंने अपने स्टाफ और अन्य लोगों को बचाया। एक बार अजय सुरक्षित स्थान पर आ गए थे। इसी बीच उनको मकान मालकिन की याद आई। वह उनको बचाने के लिए मकान की निचली मंजिल पर चले गए। चंद ही मिनटों में पानी का सैलाब आया और अपने साथ दोनों को बहाकर ले गया। रामपुर के एसडीएम निशांत तोमर ने बताया कि लापता लोगों की खोज लगातार जारी है।
भूकंप की तरह आई आवाज, बाहर देखा के तो बह रहे थे लोग
रामपुर उपमंडल और निरमंड खंड के अंतर्गत समेज गांव में बुधवार देर रात समेज खड्ड में अचानक बाढ़ आने से मची तबाही का मंजर यादकर वीरवार रात भी लोग सो नहीं पाए। पिछली रात आई बाढ़ गहरे जख्म दे गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बुधवार रात वह सो रहे थे। अचानक भूंकप की तरह जोर से आवाज आई। बाहर जाकर देखा तो आंखों के सामने लोग बाढ़ में बह रहे थे पर वह कुछ नहीं कर पाए। उनकी आंखों के सामने अंधेरा सा छा गया। वह लोगों को बचाने के लिए पूरी तरह लाचार थे।