हिमाचल प्रदेश सरकार ने वाहन योग्य पुलों की रिपोर्ट मांगी है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को इस माह के अंत तक रिपोर्ट देने को कहा गया है। लोक निर्माण विभाग ने इंजीनियरों को पुलों का ऑडिट करने के निर्देश दिए थे। इसमें कहा गया कि प्रदेश में पुल कितने मजबूत एवं सुरक्षित हैं? ऑडिट रिपोर्ट के बाद जो पुल मरम्मत करने योग्य होंगे, उन्हें ठीक किया जाएगा। जो बिल्कुल खस्ताहाल हैं, उनकी जगह नए पुल का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग को वेली ब्रिज तैयार करने के भी निर्देश दिए है।
खस्ताहाल पुलों की जगह पहले बेली ब्रिज स्थापित होंगे, उसके बाद आरसीसी के पुलों का निर्माण किया जाएगा। हिमाचल में बीते साल प्राकृतिक आपदा के चलते दो दर्जन पुल बाढ़ में बह गए, जबकि कई को नुकसान पहुंचा है। कोई अप्रिय घटना न घटे, इसके चलते सरकार पुलों का ऑडिट करवा रही है। सरकार ने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए हैं कि जोन, मंडल या उपमंडल स्तर पर इंजीनियरों की टीमों का गठन कर सभी पुलों का निरीक्षण करें। अगर इंजीनियरों को लगा कि पुल ठीक करने योग्य है, ऐसी स्थिति में ही उसे दुरुस्त करने का प्लान तैयार किया जाएगा।
इस साल पुलों-सड़कों को 500 करोड़ का नुकसान
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बीते साल आपदा के चलते लोक निर्माण विभाग को 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस बार भी कुल्लू और शिमला में बादल फटने से पुलों और सड़कों को 500 करोड़ का नुकसान हो चुका है। पानी के बहाव के साथ चट्टानें और पेड़ पुलों से टकराते हैं, इससे पुलों को नुकसान होता है। ऐसे में पुलों का ऑडिट जरूरी है।