हिमाचल प्रदेश में यलो अलर्ट के बीच मंगलवार दोपहर को भारी बारिश हुई। राजधानी शिमला और सोलन में करीब तीन घंटों तक भारी बारिश हुई। सोलन के बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ के कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया। सड़कों पर पानी जमा होने से यातायात प्रभावित रहा। भूस्खलन के कारण शिमला शहर से वाया चक्कर नेशनल हाईवे बंद हो गया है। वाया बालूगंज वाहन भेजे जा रहे हैं। वहीं, पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाईवे हेवना के समीप भूस्खलन से 24 घंटे और निगुलसरी के पास शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे 23 घंटे बंद रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार बुधवार को भी प्रदेश के पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। निगुलसरी में पहाड़ी से भारी भूस्खलन और चट्टानें दरकने के कारण सोमवार शाम सात बजे एनएच-पांच बाधित हो गया। दो सौ मीटर एनएच पर मलबा ही मलबा भर गया है। मंगलवार को शाम छह बजे 23 घंटे बाद हाईवे बहाल किया जा सका। रामपुर उपमंडल की चार पंचायतों को जोड़ने वाले तकलेच देवठी सड़क पर सेरीपुल के पास सोमवार रात से सड़क धंसने का सिलसिला शुरू हो गया। इस कारण कारण हजारों लोगों को आवाजाही में परेशानियां झेलनी पड़ीं।
सोलन व आसपास के क्षेत्रों में करीब दो घंटे तक तेज बारिश हुई। लोगों को घरों व दुकानों में ही दुबके रहना पड़ा। वहीं सोलन के बीबीएन क्षेत्र में नालियां जाम होने के कारण सड़कों पर पानी भर गया। बद्दी-साई मार्ग, बद्दी-पिंजौर, बरोटीवाला मार्ग, झाड़माजरी के बीबीएनडीए के कार्यालय के साथ सड़क पर पानी जमा रहा। बद्दी के रेड लाइट चौक के समीप, ट्रक यूनियन, भुड्ड, मलकू माजरा, खरूणी आदि स्थानों पर बारिश का पानी जमा हो गया।
कुछ देर के लिए रोकी मणिमहेश यात्रा
मणिमहेश यात्रा के विभिन्न पड़ावों में बारिश के चलते मंगलवार सुबह करीब 11 बजे कुछ देर के लिए यात्रियों को सुरक्षित स्थलों पर रोका गया। बीस मिनट तक अलग-अलग जगहों पर श्रद्धालुओं को ठहराया गया, ताकि बारिश के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। चंबा के उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि कुछ देर के लिए बारिश के दौरान श्रद्धालुओं को अलग-अलग पड़ाव पर रोका गया था।