हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित संजौली में मस्जिद विवाद मामले में भ्रामक प्रचार करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर है। अनुमति लिए बिना किसी भी तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। सोशल मीडिया पर मस्जिद निर्माण के विरोध में 11 सितंबर को फिर प्रदर्शन के मेसेज कुछ संगठनों की ओर से वायरल हो रहे हैं। इसी के बाद पुलिस ने यह सख्त कदम उठाया है। किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन इस पूरे क्षेत्र में धारा 144 लगाने पर भी विचार कर रहा है। फिलहाल संजौली बाजार में पुलिस बल तैनात है। पूरे मामले को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाने का फैसला लेते हुए साफ किया है कि इस बार बिना अनुमति के न तो किसी भी प्रकार के प्रदर्शन और न ही मार्च की अनुमति दी जाएगी।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त पुलिस बल को भी शिमला बुला लिया है। चौथी बटालियन को भी शिमला बुलाने की सूचना है। गौर हो कि संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर लोग मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर नगर निगम आयुक्त के चक्कर स्थित कोर्ट में 7 सितंबर को सुनवाई हुई। इसमें वक्फ बोर्ड और मस्जिद प्रबंधक ने लिखित जवाब दिया। कोर्ट ने कनिष्ठ अभियंता को मस्जिद से जुड़ी ताजा स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 5 अक्तूबर को तय की गई है। उधर, इस मामले में पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
5 सितंबर को हुए प्रदर्शन की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
5 सितंबर को संजौली बाजार में हुए मस्जिद निर्माण के विरोध में हुए प्रदर्शन की सीसीटीवी फुटेज को भी पुलिस खंगाल रही है। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इसमें लोगों को भड़काने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि 5 सितंबर को भी प्रशासन की बिना अनुमति के ही संजौली बाजार में प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था कि अगर जल्द अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा गया तो वे उग्र प्रदर्शन करेंगे। इसी को देखते हुए प्रशासन और पुलिस किसी भी स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं। वहीं, सीआईडी समेत अन्य एजेंसियां भी पूरे मामले को लेकर सतर्क हैं।