दुबई में छिपे क्रिप्टोकरेंसी ठगी के मास्टरमाइंड सुभाष को स्वदेश लाने के लिए पुलिस ने केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर मदद मांगी है। बताया जा रहा है कि अगले महीने आरोपी का वीजा खत्म होने जा रहा है। ऐसे में पुलिस वीजा रद्द करवाने के लिए होमवर्क में जुट गई है। पुलिस आरोपी को देश लाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों से भी लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। हर गतिविधियों पर पुलिस नजर रखे हुए हैं। आरोपी ने साथियों के साथ वर्ष 2018 और 2023 के बीच ठगी को अंजाम दिया।
हिमाचल में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर 20 अरब का घोटाला हुआ है। अब तक मामले में 89 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 30 से 35 हजार के करीब लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है। कई लोग ऐसे भी हैं जो शर्म के मारे सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने छह लोगों की राशि वापस लौटा दी है। आरोपी हेमराज और सुखदेव की गिरफ्तारी के बाद सुभाष फरार है। सुभाष जिला मंडी के सरकाघाट का रहने वाला है।
जांच में पाया गया कि मुख्य आरोपी सुभाष ठगी का खेल शुरू करने से पहले कई बार अपने कुछ साथियों के साथ विदेश गया। वहां पर उसने डिजिटल करेंसी का पूरा खेल समझा और सॉफ्टवेयर तैयार करवाया। शातिरों ने फर्जी वेबसाइट तैयार की और उसमें निवेशकों को आईडी खोलने पर एक ऐसी डिजिटल करेंसी दिन प्रतिदिन ग्रोथ करते नजर आती थी, जो वास्तव में थी ही नहीं। पैसा डबल करने का लालच देकर डिजिटल करेंसी का ऐसा जाल बुना गया कि लोगों ने भी जीवनभर की जमापूंजी निवेश कर दी।