डेंगू के मरीजों की रामपुर में लगातार संख्या बढ़ रही है। शहर और आसपास के क्षेत्रों में डेंगू का प्रकोप बीते दिनों से कुछ कम हुआ है, लेकिन मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अगस्त से अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या दो सौ से पार पहुंच गई है। लोगों में भी डेंगू को लेकर खौफ बढ़ता जा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने जहां डेंगू से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान तेज किया है, वहीं नगर परिषद भी शहर के वार्डों में कीटनाशक स्प्रे और फॉगिंग से डेंगू के खात्मे का अभियान चलाया है।
रामपुर में इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब शहर में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा दो सौ के पार पहुंचा है। बीते वर्षों का आंकड़ा खंगालें तो प्रति वर्ष डेंगू के मामले दहाई के आंकड़े तक पहुंचते थे। डेंगू के ये मामले भी बाहरी राज्यों की ट्रेवल हिस्ट्री पर आधारित थे, लेकिन अब रामपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों में डेंगू का मच्छर पनप रहा है, जो शहर वासियों के लिए चिंता का विषय है। रामपुर के खनेरी अस्पताल, आयुर्वेदिक अस्पताल और पीएचसी रामपुर में आने वाली मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री रामपुर और साथ लगते ब्रौ, जगातखाना क्षेत्र की है। स्वास्थ्य विभाग आशा वर्कर और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मी घर घर पहुंचकर डेंगू के लक्षण, बचाव और सावधानियों से लोगों को अवगत करा रहे हैं।
पांच से सात दिन में दिखते हैं लक्षण
मच्छर के काटे के पांच से सात दिन के बाद मरीजों में डेंगू के लक्षण सामने आते हैं। सबसे अधिक परेशानियां उन लोगों की है जो पहले से ही किसी रोग से ग्रसित हैं। डेंगू का काटना इन मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है। शनिवार को रामपुर में डेंगू के 22 नए मरीज सामने आए। शुक्रवार को मरीजों का आंकड़ा जहां 180 पहुंच गया था, वहीं शनिवार को बढ़कर आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया। आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या में और इजाफा होने वाला है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए करें प्रयास
डेंगू के मामलों के गंभीर लक्षण विकसित होने का खतरा उन बच्चों/लोगों में अधिक होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए आहार को ठीक रखना बहुत आवश्यक है। बच्चों के आहार में प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल करें। डेयरी उत्पाद, हल्दी, अदरक, लहसुन, खट्टे फल और नट्स शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ शरीर को आंतरिक शक्ति भी देते हैं।
डेंगू के मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा वर्कर घर-घर लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक कर रही हैं