हिमफेड ने कमाई के रिकॉर्ड तोड़ते हुए बड़े-बड़े व्यवसायिक घरानों को पीछे छोड़ दिया है। अपने करीब एक करोड़ की कीमत के भवन पर 35 लाख का मुनाफा कमा रहा है। परवाणू में अपनी संपत्ति सामान्य उद्योग निगम लिमिटेड को वार्षिक लीज पर दी है। यहां सामान्य उद्योग निगम देसी शराब का प्लांट चला रहा है। हिमफेड की इस संपत्ति और इसमें रखी मशीनरी और फर्नीचर की कीमत करीब एक करोड़ 21 लाख है। भवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए हिमफेड ने इंश्योरेंस के लिए टेंडर निकाल दिया है। इसको भरने की अंतिम तारीख 28 सितंबर है।
रोचक तथ्य यह है कि सामान्य उद्योग हिमफेड को 35 लाख 40 हजार वार्षिक लीज मनी देता है। जबकि हिमफेड की संपत्ति और सामान की कीमत एक करोड़ 21 लाख रुपये बनती है। हां, यह जरूर है कि इसकी एवज में हिमफेड इस संपत्ति की इंश्योरेंस का खर्च खुद वहन करता है, लेकिन प्लांट के भीतर तैयार होने वाले उत्पाद और प्लांट की इंश्योरेंस सामान्य उद्योग को ही भरनी पड़ती है।
भवन की मरम्मत भी सामान्य उद्योग निगम को ही करनी पड़ती है। इस पूरे प्लांट से वार्षिक तौर पर लागत पर केवल छह फीसदी मुनाफा ही कमा पाता है। वहीं हिमफेड एक करोड़ 21 लाख की संपत्ति पर लाखों रुपये कमा रहा है। हिमफेड ने 2006 में पहली बार सामान्य उद्योग निगम को इसे 15 लाख वार्षिक लीज पर दिया था तब से अब तक अब लीज राशि 35 लाख से अधिक पहुंच गई है। लीज राशि बढ़ने से उद्योग निगम का मुनाफ प्रति वर्ष कम होता जा रहा है वहीं हिमफेड का ग्राफ चढ़ता ही जा रहा है।
इस बारे में सामान्य उद्योग निगम का कहना है कि हिमफेड से लीज पर भवन ले रखा है। लाखों की लीज मनी देने के बावजूद भवन की मरम्मत और इंश्योरेंस का खर्च भी खुद उठाना पड़ रहा है।